एक टीवी इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पकौड़े बेचने को रोजगार बताने के बाद राजनीतिक दलों की सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी बीजेपी की जमकर आलोचना की है। देश में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं। बेंगलुरु में बीते रविवार को पीएम मोदी की रैली से पहले कुछ युवक डिग्री वाला गाउन पहनकर पकौड़े बेचते नजर आए थे। फिर सोमवार को यूपी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पकौड़े बेचकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग का है। यहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय विधायक अरुण वोहरा की अगुआई में पकौड़े बेचे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने स्टॉल को ‘शिक्षित बेरोजगार पकौड़ा सेंटर’ नाम दिया। इस स्टॉल से 5 रुपये प्लेट के हिसाब से ‘जेटली पकौड़े’ और ‘रमन पकौड़े’ बेचे गए। खुद अरुण वोहरा ने भी स्टॉल पर पकौड़े तले। बता दें कि अरुण वोहरा सीनियर कांग्रेस नेता मोती लाल वोहरा के बेटे हैं।
बता दें कि मंगलवार को ही इलाहाबाद में भी छात्रों ने पकौड़े तलकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध जताया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डेमोक्रेटिक स्टूडेंट असोसिएशन ने पकौड़े बेचकर अपना विरोध जताया। यूनिवर्सिटी के यूनियन हॉल में छात्र इकट्ठे हुए और वहां स्टॉल लगाया। वहीं, पटना में भी आरजेडी के स्टूडेंट विंग ने पकौड़े बेचे। छात्रों ने ‘मोदी जी विदेश में, पकौड़े बेचो देश में’ नारे भी लगाए।
बता दें कि पीएम के बयान पर कांग्रेस की ओर से पी चिदंबरम ने तीखा हमला बोला था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि अगर पकौड़े बेचना रोजगार है तो भीख मांगना भी नौकरी है। वहीं, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा था कि एक चायवाला ही पकौड़े बेचने को रोजगार बता सकता है। उधर, पीएम के इस बयान पर मचे सियासी बवाल के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जवाब दिया था। राज्यसभा में सोमवार को दिए अपने पहले भाषण में शाह ने कहा था कि पकौड़े बेचना शर्म की बात नहीं है। अमित शाह ने कहा कि एक चायवाले का बेटा आज पीएम बनकर सदन में बैठा है।