Narendra Modi: Every stone raised by misguided youth destroys Kashmir …
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘गुमराह युवाओं’ से हिंसा का रास्ता छोड़ने और देश की मुख्यधारा में शामिल होने की शनिवार को अपील की और कहा कि उनके द्वारा उठाया गया हर पत्थर या हथियार जम्मू कश्मीर को अस्थिरता के रास्ते पर ले जाता है. सरकार द्वारा रमजान के महीने के दौरान राज्य में सुरक्षा अभियानों पर रोक की घोषणा किये जाने के बाद पहली बार बोल रहे मोदी ने कहा कि शांति और स्थिरता का कोई विकल्प नहीं है.
पीएम ने 330 मेगावाट की किशनगंगा बिजली परियोजना को देश को समर्पित करते हुए कहा, ‘‘मेरी इन गुमराह युवाओं से अपील है कि देश की मुख्यधारा में वापस लौट आयें जो कि उनका अपना परिवार है और जम्मू कश्मीर के विकास में भागीदार बनें.’’ इसकी परियोजना की प्रगति की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही थी.
‘‘मोदी..मोदी’’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने परियोजना का उद्घाटन किया और शेर ए कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में श्रीनगर रिंग रोड की आधारशिला रखी. 42.1 किलोमीटर लंबी चार लेन वाली श्रीनगर रिंग रोड पश्चिम श्रीनगर स्थित गलांदर को बांदीपोरा जिले में सुंबल से जोड़ेगी और इससे यातायात की भीड़ कम होगी.
पीएम ने जोजिला सुरंग के निर्माण की शुरूआत की
पीएम मोदी राज्य के तीन क्षेत्रों लेह, कश्मीर और जम्मू के एक दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने जोजिला सुरंग के निर्माण की शुरूआत की जो कि लद्दाख के लिए सभी मौसम में चालू रहने वाला सम्पर्क मार्ग मुहैया कराएगा. पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कश्मीरी में की और श्रीनगर के लोगों से उनका सलाम स्वीकार करने के लिए कहा और उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना की. वह करीब आधे घंटे तक बोले और ‘कश्मीरियत’ के महत्व को रेखांकित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ‘कश्मीरियत’ के इस विचार के प्रशंसक थे ‘और मैं भी इसमें विश्वास करता हूं.’ मोदी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र में ‘साहसी फैसले लेने की नीति, दृढ़ संकल्पना और ताकत है.’ उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान अभियान रोकने से उन लोगों को बेनकाब करने में मदद मिलेगी ‘जो इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैला रहे थे.’
‘स्वार्थी तत्व समृद्ध जम्मू कश्मीर नहीं देखना चाहते’
पीएम मोदी ने कहा कि कई निहित स्वार्थी तत्व हैं जो कि एक समृद्ध जम्मू कश्मीर नहीं देखना चाहते. उन्होंने कहा,‘लेकिन मित्रों, हमें समृद्धि के रास्ते पर चलना जारी रखते हुए इन विदेशी ताकतों को जवाब देने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र गुमराह युवकों को मुख्य धारा में लाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं जो कि एक विदेशी ताकत के दुष्प्रचार के प्रभाव में हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘इस राज्य के गुमराह युवाओं द्वारा उठाया गया हर पत्थर या हथियार केवल उनके अपने जम्मू कश्मीर को अस्थिर करता है. हमें अपनी भविष्य की पीढ़ियों के लिए राज्य को इस अस्थिर माहौल से बाहर लाना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘इन गुमराह युवाओं को न केवल जम्मू कश्मीर बल्कि देश की राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाना होगा.’
‘मैं रमजान के पवित्र महीने में आप लोगों के बीच हूं’
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं में अलगाव की भावना पर कहा, ‘ऐसी कोई ताकत नहीं है जो दो भाइयों के बीच खाई उत्पन्न करे…जम्मू कश्मीर और देश के बाकी हिस्से के बीच खाई उत्पन्न करने में लगे लोग विलुप्त होने की कगार हैं.’ उन्होंने कश्मीरियत पर कहा, ‘गत वर्ष मैंने अपनी दिवाली गुरेज के जवानों के साथ मनाई और आज मैं रमजान के पवित्र महीने में आप लोगों के बीच हूं.’ उन्होंने गत वर्ष लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने संबोधन को दोहराते हुए कहा, ‘ना गाली से समस्या सुलझने वाली है, ना गोली से, समस्या सुलझेगी हर कश्मीरी को गले लगाने से.’
पीएम ने कहा कि स्थायी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है जिसके समक्ष कोई भी जाकर अपने विचार रख सकता है. उन्होंने कहा,‘हम हिंसा का चक्र समाप्त करने के लिए सरकार की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यद्यपि कश्मीरियत और लोकतंत्र के बीच एक गठबंधन सुनिश्वित करने की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर के लोगों पर है.’ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन कश्मीरी में किया और लोगों से कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दे.
महबूबा ने की केंद्र सरकार की तारीफ
इससे पहले जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने स्वागत भाषण में रमजान के दौरान आतंकवाद निरोधक अभियान रोकने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया था. मुफ्ती ने कहा,‘प्रधानमंत्री जी मैं आपसे यह साझा करना चाहती हूं कि कश्मीर घाटी की माताएं शांति से सो रही हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कोई अभियान नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि यह निर्णय बहुत मुश्किल था.
मुफ्ती ने कहा, ‘यद्यपि ऐसे निर्णय तब किये जाते हैं जब केंद्र के पास इच्छा और दृढ़ संकल्प हो और आपने ऐसा निर्णय घोषित करने में अपनी उदारता दिखाई. इसमें निश्चित रूप से काफी साहस की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘यदि केंद्र ने कश्मीर के लोगों की तरफ एक कदम उठाया है, तो लोग नई दिल्ली के पास आने के लिए दस कदम उठाएंगे ताकि हिंसा के चक्र से बाहर आ सकें.’
महबूबा ने इस बात पर खेद जताया कि भारत के प्रयासों के बावजूद पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘जम्मू क्षेत्र में सीमा के पास कल एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई जिसमें एक बीएसएफ जवान और नागरिकों की मौत हो गई.’ उन्होंने सर्वदलीय बैठक में हुई सहमति पर राजी होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया जिसमें अभियान एकपक्षीय रूप से रोकने की राय बनी थी.