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चंद्र ग्रहण की रात चढ़ाई 3 माह के बच्चे की बलि, जानिए मामला…

31 जनवरी को जब अधिकांश दुनिया आसमान में ब्लू मून, रेड मून या फिर फुल मून के नजारे देख रही थी, उसी समय हैदराबाद में एक घर की छत पर अलौकिक दुनिया की ताकत हासिल करने के लिए एक नवजात बच्चे की बलि चढ़ा दी गई. हैदराबाद के चिलुका नगर में एक घर की छत पर मिले एक बच्चे के सिर से इलाके में सनसनी फैल गई है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस इसे तांत्रिक क्रिया का मामला मान कर चल रही है. खासबात यह है कि विज्ञान और तकनीक के युग में मानव बलि जैसी घटनाएं हो रही हैं.

छत पर मिला बच्चे का सिर
जानकारी के मुताबिक, चिलुका में किराए पर रहने वाली एक महिला एक फरवरी, शुक्रवार को घर की छत पर कपड़े सुखाने गई. छत पर एक बच्चे का सिर देखकर उसके होश उड़ गए और वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी. महिला का शोर सुनकर अन्य लोग भी वहां इकट्ठा हो गए. बच्चे का सिर मिलने की खबर तुरंत पुलिस को दो दी गई.

चंद्र ग्रहण में मंत्र सिद्धि
2-3 महीने के बच्चे की बलि
मौके पर पहुंची पुलिस ने सिर को अपने कब्जे में लिया. बच्चे का धड़ कहीं नहीं मिला है. पुलिस ने बताया कि छत पर खून के निशान भी नहीं है, इससे पता चलता है कि बच्चे की हत्या कहीं और की गई है और वहां सिर काटने के बाद उसे यहां छत पर लाया गया था. पुलिस ने बताया कि बच्चे 2 या 3 महीने का लग रहा है. बाकि पुख्ता जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही मिल सकेगी.

ऑटो चालक गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में महिला के दामाद राजशेखर को हिरासत में लिया गया है. राजशेखर ऑटो चलाता है. राजशेखर के साथ पड़ोस में रहने वाले नरहरी और उसके बेटे रंजीत को भी हिरासत में लिया है. जानकारी मिली है कि ये तीनों तांत्रिक गतिविधियों में लिप्त रहते थे. खोजी कुत्तों ने भी उनके घरों के कुड़ेदानों को गहनता से तलाशा था.

पुलिस ने बताया कि उसने धड़ की खोज शुरू कर दी है और आसपास के इलाकों में किसी नवजात के गायब होने की खोज की जा रही है. उधर, घर की मालकिन बालालक्ष्मी इस बात से दुखी हैं कि बच्चे की हत्या के लिए उनके घर की छत का इस्तेमाल किया गया है.

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