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नीतीश सहयोगी और केंद्रीय मंत्री ने, कहा की सीएम पर हमला में जदयू के लोगों का हाथ…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर बक्सर में हुए हमले पर बिहार की सियासत तेज है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस हमले को लेकर ट्विट किया है. उन्होंने जनता दल यूनाईटेड के सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के बयान का उल्लेख किया है.

तेजस्वी यादव ने उपेन्द्र कुशवाहा के मकर संक्रांति के मौके पर दिए गए दही चुरा आयोजन के दौरान मीडिया के साथ बातचीत के क्रम में सीएम के ऊपर हमले को लेकर बयान दिया था जिसमें जदयू के ही लोगों की संलिप्ता जाहिर की थी. जिसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश सरकार के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री कह रहे है कि नीतीश पर हमले जदयू के लोग ही करा रहे है. लेकिन कुछ बिकाऊ चैनल है कि उन्हें ऐसी ख़बरों से कोई लेना-देना नहीं. राजद में टूट की बात करने वाले पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि जेडीयू के तीन राज्यसभा सांसद पार्टी छोड़ गए लेकिन इनको कुछ टूट दिखाई नहीं देत. इन्हें तो बस गांधी जी दिखाई देते है.

मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि बक्सर के नंदन गाँव में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता द्वारा चुनी गई सरकार द्वारा समाज के बड़े महादलित वर्ग को विकास से महरूम करना कहाँ का न्याय और विकास है? मुख्यमंत्री का यह कैसा पक्षपातपूर्ण रवैया है जिसमें गाँव के महादलित टोले में विकास के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगाई जाती और दूसरी तरफ़ उसी गाँव के दूसरे कोने में तामझाम के साथ बैठकर मुख्यमंत्री द्वारा विकास का बेसुरा राग अलपाया जाता है? अगर मुख्यमंत्री एक मिनट उस गाँव के वार्ड न-7 के महादलितों से रुककर बात कर लेते, उन्हें तथाकथित सात निश्चय के कार्यन्वयन के बारे में बता देते तो उन्हें भी बिहार में एक लोकतांत्रिक सरकार होने का आभास होता. माना कि आप जनादेश की डकैती कर चोर दरवाज़े से संघी सरकार चला रहे है लेकिन फिर भी जनता से मिलना आपका नैतिक दायित्व और फ़र्ज़ है.मुख्यमंत्री एक तरफ़ स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर महादलित टोलों में झंडा फहराने का ढकोसला करते है दूसरी तरफ़ जब महादलित अपनी वाजिब विकास माँगों को लेकर बात करना चाहते है तो मुख्यमंत्री उन्हें पुलिस की लाठियों से लहूलुहान करवाते है. अपने पुलिसया तंत्र से रात में महादलितों के घर आगज़नी करवाते है. उनपर फ़र्ज़ी केस दायर करवाते है. मुख्यमंत्री पूरे गाँव को अपने प्रशासनिक तंत्र से प्रताड़ित करवा रहे है. जो व्यक्ति विदेशों में मज़दूरी कर रहे है उनपर झूठा केस किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ख़ुद प्रशासन की लाठी से अराजकता को बढ़ावा दे रहे है.

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