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सुप्रीम कोर्ट का आदेश अवैध फैक्ट्रियां बंद की जाएं

Order of the Supreme Court to shut down illegal factories.

   

दिल्‍ली में अवैध फैक्ट्री मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर गुरुवार को कहा कि संसद कानून बनाती है और यदि लोग ऐसे ही कानून का उल्लंघन करते रहेगें तो दिल्ली को कोई नहीं बचा सकता है। इतना ही नही इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्‍ली में चल रहीं अवैध फैक्ट्रियां बंद करने का भी आदेश दे दिया है।

बता दे कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने सीलिंग मामले में दिल्ली के स्थानीय निकाय को अपनी आंखे बंद करने व कोई भी हादसा होने का इंतजार करने पर हाथो-हाथ लिया था। इतना ही नही दिल्ली विकास प्राधिकरण से नगर के मास्टर प्लान 2021 में बदलाव करने के उसके प्रस्तावों पर सवाल खड़ा करते हुए कोर्ट का कहना था कि ऐसा लगता है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण किसी प्रकार के दबाव के आगे झुक रहा है। वहीं इस पर न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ का कहना था कि दिल्ली में सभी लोग अपनी आंखे बंद कर हादसा होने का इंतजार कर रहे हैं। इतना ही नही इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि नगर निकाय उपहार सिनेमा अग्निकाण्ड त्रासदी व बवाना और कमला मिल्स जैसी घटनाओं से भी किसी ने कुछ भी नही सीखा है।

वहीं दिल्ली  ने हाल ही में दुकान-रिहाइशी भूखण्डों व परिसरों का एफएआर और रिहाइशी भूखण्डों के बराबर करने का प्रस्ताव रखा है। जानकारी के लिए बता दे कि प्राधिकरण के इस कदम से सीलिंग के खतरे का सामना कर रहे कारोबारियों को बेहद राहत मिलेगी। गौरतलब है कि पीठ ने प्राधिकरण से सवाल कर कहा कि दिल्ली में रहने वाली जनता के बारे में उनका क्या कहना है? जिस पर पीठ ने दिया किया कि आपको जनता का भी पक्ष सुनना होगा और आप सिर्फ कुछ लोगों को ही नहीं सुन सकते। दिल्ली में हो रहे अनधिकृत निर्माणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आप दिल्ली की जनता के हितों का ध्यान रख रहे हैं या नहीं? गौर फरमाने वाली बात है कि पीठ ने कानून का शासन बनाये रखने पर जोर देते हुये कहा कि दिल्ली कचरा प्रबंधन, प्रदूषण व पार्किंग जैसी अनेक समस्याओं से भी जूझ रही है।

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