Rajendra Singh: Modi has forgotten his own commitments on the Ganges …
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गंगा का अविरल नैसर्गिक प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए संसद के मॉनसून सत्र में प्रस्तावित कानून पारित कराने की मांग को लेकर आगामी 24 जुलाई को हरिद्वार से दिल्ली तक की गंगा यात्रा आयोजित की गई है. इसमें समाजसेवी अन्ना हजारे सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे. ‘जल जन जोड़ो अभियान’ के संयोजक राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा पर कानून बनाने की मांग के लिए पिछले 27 दिनों से आमरण अनशन कर रहे प्रो जीडी अग्रवाल के समर्थन में अन्ना हजारे सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता गंगा यात्रा में शामिल होंगे. सिंह ने बताया ‘हमने कल अन्ना हजारे के साथ हरिद्वार से दिल्ली तक की प्रस्तावित यात्रा की रूपरेखा तय कर ली है. आगामी 25 जुलाई को यात्रा हरिद्वार से दिल्ली पहुंचेगी और फिर यहां संसद मार्ग पर जनसभा होगी.’
उन्होंने बताया कि इसमें अन्ना हजारे के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता संजय पारिख, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष परितोष त्यागी और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक सहित अन्य सामाजिक संगठनों के लोग शामिल होंगे. गंगा के अविरल प्रवाह को लेकर मोदी सरकार के अब तक के काम पर असंतोष जताते हुए सिंह ने कहा कि प्रो अग्रवाल द्वारा प्रस्तावित कानून का मसौदा ही समस्या का एकमात्र समाधान है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के पहले खुद को गंगा का पुत्र बताते हुए बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन अब वह अपने ही वादों को भूल गए हैं. सिंह ने कहा ‘हम मोदी जी को गंगा सत्याग्रह के माध्यम से उनके वादों को याद दिला रहे हैं.’
जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गंगा के अबाध प्रवाह को सुनिश्चित करने संबंधी आश्वासन को नाकाफी बताते हुए सिंह ने कहा ‘गडकरी को एक घंटे का समय निकाल कर प्रो अग्रवाल से इस समस्या को समझना चाहिए.’ सिंह ने कहा कि गडकरी ने गंगा पर महज सीवर संयंत्र (एसटीपी) लगाने का आश्वासन दिया है जबकि प्रो अग्रवाल का अनशन एसटीपी की मांग के लिए नहीं बल्कि गंगा के समग्र प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए है. इसका एकमात्र उपाय कानून बनाकर उसे ईमानदारी से लागू करना है.