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रमन सिंह- सत्ता पाने की लालसा में शॉर्टकट की राजनीति में उतर आई है कांग्रेस…

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि सत्ता पाने की लालसा में कांग्रेस शार्टकट की राजनीति में उतर आई है. विधानसभा में विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान सिंह ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि सत्ता पाने की लालसा में कांग्रेस शार्टकट की राजनीति में उतर आई है. लोगों में तरह-तरह का भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. सिंह के जवाब के बाद 87 हजार 463 करोड़ रूपए का विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राजनीति पहली बार तब कलंकित हुई थी जब कांग्रेस की सरकार ने 15 विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी. दूसरी बार तब कलंकित हुई जब सीडी उछालने की कोशिश की गई. विधायक खरीद-फरोख्त कांड की वजह से कांग्रेस 15 साल के लिए सत्ता से दूर हो गई, और अब सीडी कांड की वजह से 15 साल के लिए और दूर हो जाएगी.

​रमन सिंह ने कहा कि भू राजस्व संहिता में संशोधन के लिए विधेयक जनता की बेहतरी के लिए लाया गया था. लेकिन कांग्रेस ने लोगों को भ्रमित किया. हमने लोगों में फैले भ्रम को दूर करने के लिए विधेयक वापस ले लिया. यह पार्टी सिर्फ भ्रम फैलाने का काम करती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 से 2003 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. उस सरकार की बात कोई नहीं करना चाहता. उस समय कांग्रेस की सरकार ने कैसा विषैला वातारण बना दिया था, यह सभी को याद है. जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई तब छत्तीसगढ़ में शांति और विकास का रास्ता खुला.

सिंह ने कहा कि पूरे देश में आज कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई है कि केवल सात प्रतिशत क्षेत्र में सिमट कर रह गई है. आज उसे भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए दूसरी पार्टियों के साथ की जरूरत पड़ रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए ऐतिहासिक अवसर है, जब तीसरी पारी का पांचवां और लगातार प्रदेश का बारहवां बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला है. यह बजट अंत्योदय सहित समाज के सभी वर्गों को स्पर्श करता है. हम राज्य को नई दिशा देने में सफल रहे.

उन्होंने कहा कि पिछले 14 वर्षों में जीएसडीपी साढ़े गुना बढ़कर दो लाख 91 हजार 681 करोड़ रूपए हो गया है. यह हमारी ढाई करोड़ जनता के विकास और गौरव का विषय है. पिछले 14 वर्षों में बजट का आकार नौ गुना बढ़ा है. प्रतिव्यक्ति आय भी 2003 में 13 हजार रूपए से बढ़कर 92 हजार 035 रूपए सालाना हो गई है. यह जन-जन की सम्पन्नता का सूचक है. मुख्यमंत्री ने विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की स्वच्छता दूत कुंवरबाई को भी विशेष रूप से याद किया.

इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस ​सिंहदेव ने कहा कि देश में आपातकाल की स्थिति है. जो पूर्व में लगे आपातकाल से बदतर है. सिंहदेव ने कहा कि राज्य में शिक्षाकर्मियों का संविलियन नहीं कर पाना राज्य सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. नगरीय निकायों में आज तक पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पाई है. सदन में विपक्ष और सत्तापक्ष की चर्चा के बाद 87 हजार 463 करोड़ रूपए का विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया.

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