रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राजस्थान के अलवर स्थित अलवर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया. बैंक का लाइसेंस निरस्त करने का प्रमुख कारण यह है कि दावा किए जाने पर बैंक अपने जमाकर्ताओं का धन वापस लौटाने में समर्थ नहीं है. आरबीआई की तरफ से एक बयान में कहा गया कि बैंक की मौजूदा हालत के हिसाब से इसके वापस खड़े होने के आसार नहीं हैं. इसलिए बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. बैंक का लाइसेंस निरस्त करने का फैसला 5 जुलाई से प्रभावी माना जाएगा. इससे पहले आरबीआई ने खराब वित्तीय स्थिति का सामना कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों को प्रॉम्प्ट एक्शन लिस्ट (PCA) में रखा है. ये बैंक तेजी से अपने एटीएम बंद कर रहे हैं. इन बैंकों की लिस्ट में इंडियन ओवरसीज से लेकर केनरा बैंक जैसे दिग्गज बैंक भी शामिल हैं. ऐसे बैंकों ने पिछले एक साल में अब तक 1635 एटीएम बंद कर दिए हैं. आरबीआई की तरफ से दिए गए निर्देश के तहत लागत घटाने के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, इलाहाबाद बैंक भी एटीएम बंद करने का कदम उठा रहे हैं.
आरबीआई की तरफ से 11 बैंकों को पीसीए लिस्ट में रखा गया है, जिनमें से 7 बैंकों ने अपने एटीएम की संख्या को कम कर दिया है. इनमें सेंट्रल बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉर्पोरेशन बैंक और यूको बैंक शामिल हैं. सबसे ज्यादा एटीएम की संख्या में कटौती सितंबर 2015 में पीसीए में आए इंडियन ओवरसीज बैंक ने की है. इन बैंकों की हालत सुधारने के लिए आरबीआई ने इनकी लेंडिंग पर भी कुछ बंदिशें लगा दी हैं. इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने 15 प्रतिशत एटीएम बंद कर दिए हैं. ऐसे में बैंक की एटीएम की संख्या घटकर तीन हजार रह गई है. जबकि अप्रैल 2017 में यह संख्या साढ़े तीन हजार थी. यूको बैंक ने अपने 7.6 प्रतिशत एटीएम बंद कर दिए हैं. यह काफी दिलचस्प है कि सरकारी बैंकों के बड़ी संख्या में एटीएम बंद होने के बावजूद कैश विदड्रॉल 2018 में 2017 के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्यादा रहा था.