Sudha Balakrishnan appointed the CFO of the Reserve Bank!
एनएसडीएल की उपाध्यक्ष सुधा बालकृष्णन को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया गया है. रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार किसी CFO को नियुक्त किया जा रहा है. इसके साथ ही 2016 में उर्जित पटेल के आरबीआई गवर्नर चुने जाने के बाद यह पहली बड़ी नियुक्ति है.
आरबीआई से जुड़ने के पहले बालकृष्णन नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट रहीं बालकृष्णन आरबीआई की 12वीं कार्यकारी निदेशक होंगी जिनका कार्यकाल 3 साल का होगा.
इकॉनोमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया, बालकृष्णन आरबीआई में सेंट्रल बैंक के बैलेंस शीट की इंचार्ज होंगी जो रेगुलेशन के मुताबिक अकाउंट की नीतियां लागू कराएंगी. वे सेंट्रल बैंक के बजट से जुड़े काम भी देखेंगी. बिल्कुल समय पर बैंक की वित्तीय हालत की जानकारी देने की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है. इंटरनल अकाउंट और बजट के काम देखने के अलावा बालकृष्णन को भविष्य निधि की दरें तय करने का जिम्मा दिया गया है.
सबसे अहम बात यह है कि सुधा बालकृष्णन को सरकारी बैंक खाता विभाग का प्रभारी बनाया गया है. यह विभाग पेमेंट और टैक्स वसूली से जुड़े लेनदेन का काम देखता है. सेंट्रल बैंक के देश और विदेशों में निवेश का काम भी वे ही देखेंगी.
आरबीआई के अंदरूनी वित्तीय काम का जिम्मा किसी समर्पित व्यक्ति को देने का विचार पहली बार रघुराम राजन के कार्यकाल में आया था. रघुराम राजन ने आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के रैंक पर चीफ ऑपरेटिंग अफसर (सीओओ) नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया था जिसे नामंजूर कर दिया गया.
रघुराम राजन के जाने के बाद और उर्जित पटेल के गवर्नर बनने के बाद सरकार से मशविरा कर कार्यकारी निदेशक के रैंक पर सीएफओ नियुक्त करने का रास्ता साफ हुआ. बालकृष्णन की नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट पर की गई है जिनका कार्यकाल तीन साल का होगा.