भोपाल: ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को तोड़ने के लिए प्रशासन और पुलिस मंगलवार (21 नवंबर) को अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्थानीय कार्यालय में पहुंच गई है. जिस कमरे में प्रतिमा है उसे सील कर दिया गया है और वहां पुलिस बल तैनात है. जिला कलेक्टर के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले बीते 16 नवंबर को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिंदू महासभा के कार्यालय में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित कर स्थल को मंदिर घोषित किए जाने पर प्रशासन ने महासभा के नेता जयवीर भारद्वाज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) शिवराज सिंह वर्मा ने भारद्वाज को नोटिस जारी कर कहा था कि पुलिस के जरिए पता चला है कि दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा भवन के निचले तल पर एक कमरे में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई है. उस स्थल को गोडसे का मंदिर घोषित किया गया है. यह मंदिर निर्माण पूरी तरह अवैध है, क्योंकि इसके लिए किसी से अनुमति नहीं ली गई. भारद्वाज को भेजे गए नोटिस में कहा गया था, “बिना अनुमति के मंदिर का निर्माण मध्य प्रदेश सार्वजनिक स्थल (धार्मिक भवन एवं गतिविधियों का विनियमन) अधिनियम 2001 के तहत अवैध है.”
गौरतलब है कि 15 नवंबर को हिंदू महासभा के दौलतगंज स्थित कार्यालय में पूरे विधि-विधान और पूजा अर्चना के साथ गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई थी. भारद्वाज ने महासभा के कार्यालय को गोडसे मंदिर घोषित करते हुए नियमित पूजा और हर मंगलवार को आरती करने का ऐलान किया था.
गोडसे की प्रतिमा स्थापित किए जाने के मामले ने राज्य में राजनीतिक रंग ले लिया है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राजधानी भोपाल से लेकर ग्वालियर तक इसका विरोध किया. कई स्थानों पर प्रदर्शन भी किया. उसके बाद प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार (16 नवंबर) को भारद्वाज को नोटिस जारी किया गया था.