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इस लिए किया जाता है शनिदेव का व्रत, जानिए पूरी जानकारी..

हिंदू धर्म में ग्रहों को मनुष्य के जीवन में होने वाली घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन पर ग्रह अच्छा और बुरा दोनों तरह के प्रभाव डालते हैं। कुछ ग्रहों को कुंडली में दोष पैदा करने वाला माना जाता है। राहु-केतु के कारण मनुष्य को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे घर में आर्थिक समस्या, कलेश, शत्रु सभी परेशान करने लगते हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु का पाप का राजा माना जाता है, इसके कुंडली में आने के लक्षणों को पहचानकर इससे बचने के उपाय करके परेशानियों से बचा जा सकता है।

राहु दोष के कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, विश्वास करने में समस्या, क्रोधित रहना, जीवनसाथी के साथ समस्याएं आना, घर में कलह, शारीरिक समस्याएं, दिमाग संतुलन में नहीं रहना आदि। राहु ग्रह शांत करने के लिए सफेद चंदन को हमेशा अपने पास रखना चाहिए। इसी के साथ चंदन की माला भी धारण की जा सकती है। हर दिन चंदन का टीका लगाकर पूजा करें।

राहु दोष शांत करने के लिए कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा आदि नदी में प्रवाहित किया जा सकता है। नारियल में छेद करने के बाद उसमें तांबे का सिक्का डालकर नदी में प्रवाहित करें।

– कुष्ठ रोगी को मूली दान कर दें। काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।
– रात को सोते समय अपने तकिए के पास जौं रखें और सुबह पक्षियों के लिए डाल दें।
– सरसों का तेल और नीलम का दान करने से भी राहु दोष शांत होता है।
– दो रंगों के फूल को घर में लगाना लाभदायक माना जाता है।
– शनिवार के दिन उपयोग किया हुआ कंबल दान करें।
– भगवान शिव को जल, धतुरा के बीज चढ़ाएं और सोमवार के दिन व्रत करें।
– राहु को शांत करने के लिए शनिवार का व्रत किया जाता है।
– माता सरस्वती का पूजन राहु की दशा को शांत करने में लाभदायक माना जाता है। ऊं ऐं सरस्वतयै नमः मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है।
– प्याज, लहसून और मसूर की दाल का प्रयोग राहु दोष में नहीं किया जाता, इनके इस्तेमाल से दोष बढ़ने लगता है।

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