featuredदेश

नवरात्रि घट स्थापना का ये है श्रेष्ठ मुहूर्त! शुभ फल के लिए अपनाएं ये मंत्र…

कल 18 मार्च से चैत्र नवरात्रि हो रही हैं। इस बार अष्टमी-नवमी तिथि एक ही दिन होने नवरात्रि नौ दिन की न होकर आठ दिन की हैं। शरद नवरात्रि की भांति ही चैत्र नवरात्रि की पूजा भी घट स्थापना या कलश स्थापना के साथ शुरू होती है। ऐसे में भक्तों के मन में दुविधा रहती है कलश स्थापना किस समय किया जाए। यानी इसका शुभ समय क्या होगा। तो आइए जानें क्या है घट-स्थापना का शुभ मुहूर्त-

नवरात्र की घट-स्थापना
नवरात्र में घट स्थापना का विशेष महत्व होता है। विशेष मुहूर्त में घट स्थापना शुभकारी होती है। रविवार को प्रात: 6.02 बजे से कलश स्थापना की जा सकती है।
-सुबह 6.20 बजे से 7.45 बजे तक द्विस्भाव लग्न है। यह लंबे समय तक फल देने वाला है।
-सुबह 9.19 से 11.12 बजे तक वृष लग्न है। इसमें घट स्थापना करने पर लक्ष्मी का वास होता है।
-पूर्वाह्न 11.28 से 12.35 तक अभिजीत मुहूर्त है। इसे भी श्रेष्ठ माना गया है।

दो विशेष मुहूर्त
प्रात: 6.02 से 7.45
प्रात : 9 बजे से 10.30

चैत्र नवरात्र से ही नवसंवत्सर का प्रारम्भ होगा। चूंकि इस साल के राजा सूर्य और मंत्री शनि हैं, इसलिए, देवी के नवार्ण मंत्र के जाप अधिक फल और शांति देंगे। नवार्ण मंत्र में एक-एक अक्षर नौ ग्रहों को द्योतक है। नव का अर्थ नौ तथा अर्ण का अर्थ अक्षर है।

नवार्ण मंत्र: ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’
( इस एकमात्र मंत्र से नवग्रहों की पीड़ा शांत होती है)
-पूरा मंत्र जो पढ़ना चाहें, वह सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में पढ़ सकते हैं)

ऊं श्रीं ऊं
इस मंत्र के साथ घटस्थापना और अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करना श्रेष्ठ फल देता है। इस मंत्र की पांच माला ( कमलगट्टे) से करने से सभी नौ देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह तीनों तापों को हरता है।

Leave a Reply

Exit mobile version