इस साल गुड़ी पड़वा का पर्व रविवार 18 मार्च को है। इस दिन से हिन्दू पंचाग का शुभारंभ होता है। पूरे देश में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन घरों में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लोग अपने घर के दरवाजों पर आम के पत्तों की तोरण बांधी जाती है क्योंकि तोरण को शुभ मना जाता है। माना जाता है तोरण से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
इस तरह करें पूजा- घर में पॉजीटिव एनर्जी के लिए इस दिन रंगोली या हल्दी, कुमकुम के साथ एक स्वास्तिक बनाया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कामों से निवृत्त होकर अपने शरीर पर बेसन और तेल का उबटन लगाकर स्नान करें। इसके बाद हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल लेकर भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का उच्चारण करते हुए पूजा करें। पूजन का संकल्प कर एक चौकी पर साफ सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल कमल बनाकर उस पर ब्रह्माजी की सुवर्णमूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गणेशाम्बिका की पूजा करें और फिर इस मंत्र का जाप करें। ऊं ब्रह्मणे नमः।
पूजा के बाद उत्तम और सात्विक पदार्थों से ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए। इस दिन पंचांग श्रवण किया जाता है। इस दिन नीम के कोमल पत्तों, पुष्पों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री और अजवाइन डालकर खाना चाहिए। इससे रुधिर विकार नहीं होता साथ ही सेहत अच्छी रहती है।