जब त्रिपुरा में बीजेपी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था तो उस दौरान मंच पर विलक्षण नजारा देखने को मिला. इस दौरान ‘लेफ्ट’ और ‘राइट’ विचारधारा के धुरंधर राजनेताओं को एक साथ हाथ में हाथ डालकर बातचीत करते देखा गया. जी हां, पीएम नरेंद्र मोदी और माकपा नेता माणिक सरकार ने राजनीतिक शिष्टाचार का अभूतपूर्व परिचय दिया. त्रिपुरा में 20 साल तक मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार जब शपथ ग्रहण समारोह के बाद जाने लगे तो पीएम मोदी ने उनके हाथ में हाथ डालकर विदाई दी. उनके साथ एकांत में कुछ देर बातचीत भी की. उसके बाद मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले बिप्लब देब ने भी उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
माणिक सरकार
माणिक सरकार को सादगी की प्रतिमूर्ति माना जाता है. चुनाव परिणाम आने के बाद जैसे ही स्पष्ट हुआ कि 25 साल सत्ता में रहने के बाद लेफ्ट सरकार सत्ता से बाहर हो गई है तो उन्होंने इस्तीफा देकर तत्काल मुख्यमंत्री निवास छोड़ दिया. अब वह पार्टी कार्यालय में पत्नी के साथ शिफ्ट हो गए हैं. माकपा ऑफिस के ऊपरी मंजिल पर दो कमरे में उनके रहने का इंतजाम किया गया है. माणिक सरकार जब सीएम थे तो अपने वेतन का अधिकांश हिस्सा पार्टी को दे देते थे. उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी टीचर हैं. दरअसल वह अपनी पैतृक संपत्ति अपनी बहन को पहले ही दे चुके हैं. 20 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद उनके पास अपना घर नहीं है. उनको देश का सबसे गरीब मुख्यमंत्री गिना जाता था. इसी ऑफिस में गुरुवार को बीजेपी नेताओं राम माधव और बिप्लब देब ने उनसे मुलाकात कर शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया था, जिसे माणिक सरकार ने सहजता से स्वीकार कर लिया.
बिप्लब देब ने ली सीएम पद की शपथ
त्रिपुरा के नवनिर्विचित मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब आज(शुक्रवार) अपने पद की शपथ ली. त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही नरेंद्र चंद्र देब बर्मा, रतन लाल नाथ, मनोज कांति देब, मेवर कुमार जमातिया ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. यह पहला मौका है जब त्रिपुरा में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार आई है. त्रिपुरा के लोग जागरूक हैं इसलिए उन्होंने बीजेपी की सरकार को चुना है. पीएम मोदी ने कहा कि त्रिपुरा के लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि विकास हमारी प्राथमिकता है इसलिए जनता ने उन पर विश्वास किया है.
दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर से ताल्लुक रखने वाले बिप्लब ने नई दिल्ली से मास्टर्स की डिग्री ली. उसके बाद दिल्ली में ही प्रोफेशनल जिम इंस्ट्रक्टर रहे. त्रिपुरा से 15 साल बाहर रहने के बाद 2014 आम चुनावों में जब बीजेपी को सर्वाधिक छह प्रतिशत वोट मिले तो आरएसएस ने लोकल चेहरे के नाते उनको त्रिपुरा वापस भेजा. वहां त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट कौंसिल चुनावों में बीजेपी की तरफ से प्रचार कर संगठन क्षमता का परिचय दिया. इससे पार्टी को जमीनी आधार मिला और ग्रामीण अंचलों में बीजेपी पहली बार लोकप्रिय हुई थी.