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नीतीश कुमार को भाया इटावा का सफारी पार्क

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृहनगर इटावा स्थित सफारी पार्क इतना भाया है कि वह बिहार में अपने निर्वाचन क्षेत्र नालंदा जिले के राजगिरी पर्यटक केंद्र को अब इसी तर्ज पर स्थापित करना चाहते हैं। राजगिरी पर्यटक केंद्र ऐतिहासिक महत्व का स्थल माना जाता है। नीतीश कुमार ने अपने ओएसडी गोपाल सिंह के जरिये इटावा सफारी पार्क की स्थितियों का आकलन करने के लिए यहां दो दिवसीय दौरे पर भेजा ।  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ओएसडी और पटना के वन संरक्षक गोपाल सिंह ने सोमवार यहां बताया कि वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर इटावा सफारी पार्क का अवलोकन करने आए हैं। उन्होंने बताया कि रविवार दोपहर से उन्होंने इस पार्क का बारीकी से निरीक्षण किया है।

उन्होंने बताया कि अभी तक इटावा सफारी पार्क के बारे मे सोशल मीडिया के माध्यम से काफी कुछ देखने और सुनने को मिला रहा लेकिन हकीकत में इसे देखने-समझने का मौका अब मिला है। सिंह ने बताया कि राजगिरि में पांच सौ हेक्टेयर में सफारी पार्क की तर्ज पर ही पार्क बनेगा, अभी इसका नाम तय नहीं है। वे यहां से जाकर नीतीश कुमार को अपनी रिपोर्ट देंगे और जल्द ही इस पर बिहार में काम शुरू हो जाएगा । उन्होंने कहा कि इसके लिए इटावा के सफारी पार्क के विशेषज्ञ अधिकारियों से भी मदद ली जाएगी। बता दें कि इटावा सफारी पार्क 350 हेक्टेयर में बना है, जबकि बिहार में 500 हेक्टेयर में पार्क बनाने की योजना है।डॉक्टर गोपाल सिंह ने सफारी के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा करने के बाद इसकी तारीफें भी की। उन्होंने बताया कि राजगिरी में सफारी बनाने से पहले देश के अन्य हिस्सो में एक्पर्ट भेजे गये हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो इटावा सफारी पार्क में सब कुछ बहुत ही शानदार है लेकिन सफारी का जो गेट तैयार किया गया है उसका मुकाबला नही हो सकता है।
उन्होंने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है । सफारी पार्क मुख्यमंत्री के गृहजनपद राजगिरि में बनाया जाएगा। गोपाल सिंह ने रविवार की शाम को सफारी पार्क के निदेशक अनिल पटेल के साथ दौरा किया। वे कई घंटे तक सफारी पार्क में घूमे और फोटो भी खींचे। पर्यावरण दिवस के मौके पर गोपाल सिंह ने इटावा सफारी पार्क मे पौधारोपण भी किया। इटावा सफारी पार्क का निर्माण चंबल की बदमान छवि से मुक्ति के लिहाज से अखिलेश सरकार ने करवाया है लेकिन अभी तकनीकी कारणों से इसे आम लोगों के लिए खोला नही जा सका है। योगी सरकार अक्टूबर माह से इस सफारी को आम जनता के लिए खोल सकती है ऐसी संभावनाए वन अफसरों की ओर से जताई जा रही है।

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