बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बागी तेवर अपना चुके जेडीयू नेता शरद यादव को पार्टी से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद शरद यादव को पार्टी और उच्च सदन से निकालने की शुरुआत कर दी है। त्यागी ने लिखित में शरद यादव की चिट्ठी सौंपी है। चिट्ठी में कहा गया है, ‘आपने अपनी मर्जी से 27 अगस्त को पटना में आयोजित हो रही आरजेडी की रैली में शामिल होने का फैसला लिया है।
इसलिए ऐसा माना जाएगा कि आपने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ दी है।’ पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने पत्र में आगे लिखा कि जेडीयू के भाजपा गठबंधन में शामिल होने के बाद से ही आप पार्टी के मापदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही आपने हाल में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। वहीं जेडीयू ने यादव की राज्यसभा की सदस्यता को आयोग्य ठहराया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने लालू की रैली में शामिल होने की पुष्टि की है।
केसी त्यागी ने कहा, ‘शरद यादव पटना में रहने के बावजूद की पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में हिस्सा नहीं लेते थे। लेकिन अगर वो 27 अगस्त को विरोधी खेमे द्वारा आयोजित पार्टी रैली में भाग लेते हैं तो मान लिया जाएगा कि उन्होंने खुद की मर्जी से पार्टी को अलविदा कह दिया है।’ शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता साल 2022 में खत्म हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि बीते शनिवार को पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक के बाद शरद यादव से कहा गया कि 27 अगस्त को विरोधी पार्टी द्वारा दिए गए न्योते को अस्वीकार कर दें नहीं तो रैली में उनकी भागीदारी पार्टी के सिद्धांतों का एक गंभीर उल्लंघन होगा।
हालांकि केसी त्यागी ने ये नहीं बताया कि पार्टी के सिंद्धातों का उल्लंघन करने के बाद उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। बता दें कि शरद यादव जेडीयू के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। हालांकि जेडीयू के अन्य नेता बताया कि हमें उम्मीद है कि शरद यादव पटना में आयोजित होने वाली रैली से दूरी बनाकर रखेंगे।