बिहार राज्य में शिक्षा की स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा तो उनके टॉपर्स से लग ही रहा है, इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य विभाग के हालात भी कुछ उम्दा नहीं है। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट में बिहार के जहानाबाद में एक सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर नींद लेते पकड़े गए। इतना ही नहीं, वह अपनी जगह दलालों से मरीजों का इलाज करा रहे हैं। मरीजों से हो रहे इस खिलावाड़ की यह घटना जहानाबाद के सदर अस्पताल की थीं।
रिपोर्ट में एक मरीज के परिजन दिवाकर पांडे ने कहा, “हमें लगा वो डॉक्टर हैं और उन्हीं को अपने बेटे की परेशानी बताई। बाद में पता लगा कि वो डॉक्टर नहीं हैं। डॉक्टर साहब तो सोए हुए हैं।” एक स्थानीय निवासी ने बताया कि नंदा नाम के डॉक्टर अपने साथ एक दलाल को लेकर आते हैं। वह हॉस्पिटल में सोते रहते हैं और दलाल ही इलाज करता है। वह अक्सर मरीजों को पटना के एक हॉस्पिटल के लिए रेफर कर देते हैं। वहीं कैमरे में खुद डॉक्टर नंदा भी सोने की बात को कबूलते नजर आए। डॉक्टर ने कहा, “मुझे नींद आ गई थी। उन्हें मुझे उठा देना चाहिए था मगर नहीं।”
बता दें कि इससे पहले 3 जून को बिहार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाली एक घटना सामने आई थी। मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में महिला के शव को कूड़ा उठाने वाले ट्रॉली में रखकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाती तस्वीरें सामने आई थीं। पूर्णिया के सदर अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद अस्पताल की लापरवाही की वजह से उसके परिवारवालों को शव मोटरसाइकिल में बांधकर ले जाना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक, 50 साल की सुशीला देवी की मौत इस अस्पताल में हुई थी। मौत के बाद पति ने शव ले जाने के लिए वाहन की मांग की थी, लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया।