बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है ऐसे में हर किसी पर यह कानून लागू होता है. लेकिन जब कानून का रक्षक ही भक्षक बन जाए तो क्या कहा जाए. कुछ ऐसा नजारा सामने आया है जब हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख व सूबे के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की स्कॉर्ट के एक चालक (सिपाही) ओमप्रकाश को शराब के नशे में गिरफ्तार किया गया.
इस मामले में उसकी गिरफ्तारी के बाद पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर से शराब का सेवन किए जाने की पुष्टि कर दी है. थानाध्यक्ष संजीत कुमार सिन्हा ने मीडिया को बताया कि अल्कोहल टेस्ट में 120 एमएल शराब पीने की पुष्टि हुई है. चालाक सिपाही पटना जिला अंतर्गत मनेर का रहने वाला है. अपनी सेवा पटना जिला बल में दे रहा है. गिरफ्तार आरोपी को फिर जेल भेज दिया गया है. गौरतलब है मांझी को सरकारी आवास से अपने हनुमान नगर के एमआइजी कॉलोनी स्थित निजी मकान में जाना था जिसके लिए उनकी सुरक्षा में पटना पुलिस लाइन से स्कॉर्ट भेजा गया था जिसमे ओमप्रकाश प्रथम स्कॉर्ट का चालक था.
चालाक गाड़ी को बेतरतीब ढंग से चला रहा था जिसके बाद पुलिस को उसपर शक गया गंतव्य पर पहुंचने के बाद पत्रकार नगर थाना पुलिस को सूचना दिया गया जिसके बाद पुलिस ने सिपाही चालक ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया तथा जांच करवाया जिसके बाद पुष्टि हो गई. सवाल इसके बाद कई प्रकार के खड़े हो रहे हैं कि आखिर शराब कहाँ से पीकर आया था एक तरफ थानाध्यक्ष के मुताबिक ओमप्रकाश घर से शराब पीकर आया था. वहीं मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक वह शनिवार की रात पुलिस लाइन के बैरक में ठहरा था. पुलिस लाइन से पूर्व सीएम के आवास पर पहुंचा था यह अंदेशा है कि कहीं पुलिस लाइन से शराब पीकर तो नहीं आया था.
इससे पहले भी पटना पुलिस लाइन में शराब पीने की बात सामने आई है. पुलिस मेन्स एसोसिएशन के पदाधिकारी निर्मल कुमार सिंह समेत अन्य को शराब पीने के आरोप में लाइन से गिरफ्तार किया गया था. पाटिलपुत्र थाना क्षेत्र से एक सिपाही की गिरफ्तारी के बाद पुलिस लाइन में शराब का स्टॉक रखे जाने की चर्चा हुई थी, लेकिन वरीय अधिकारियों ने इससे इन्कार कर दिया था. ‘सूचना मिलने पर पत्रकार नगर थाने की पुलिस ओमप्रकाश को थाने लेकर आई। वहां ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में अल्कोहल की पुष्टि होने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उससे पूछताछ नहीं हो सकी कि कब और कहां शराब पी। अनुसंधान में ये बातें सामने आएंगी.