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कई बार संकटमोचक साबित हो चुके है, वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी, डीजी गुप्तेश्वर पांडेय

बिहार के औरंगाबाद जिले में नीतीश कुमार ने दंगाई को काबू करने के लिए अपने सबसे चहेते आईपीएस गुप्तेश्वर पांडये को भेजा है. सूबे के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी और वर्तमान में डीजी बीएमपी गुप्तेश्वर पांडेय इसी काम में माहिर है. जी हां कहा जाता है कि बिहार में जब दंगा किसी से नहीं संभालता तो वहां इन्हें भेज दिया जाता हैं और सबकुछ ये ठीक कर देते है.

उनके पूर्व के अनुभवों को देखते हुए बिहार सरकार ने पांडये को औरंगाबाद भेजने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक जिले में एहतियात के तौर पर प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है. वहां के हालात को सामान्य करने के लिए गुप्तेश्वर पांडेय को वहां भेजा गया है. इससे पूर्व भी सूबे में कहीं भी इस तरह की तनाव की खबरें मिलने के बाद उन्हें स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भेजा जाता रहा है.

बिहार में विशेष और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए गुप्तेश्वर पांडेय को जाना जाता है. पिछले वर्ष अक्तूबर में कटिहार जिले में हिंसक झड़प और तनाव का माहौल पैदा हो जाने के बाद वहां की स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय को ही भेजा था. वहां पर स्थिति नियंत्रण में आने के बाद उन्हें छपरा में स्थिति संभालने के लिए भेजा गया था.

डीजी गुप्तेश्वर पांडेय का अपनी पूरी सेवा अवधि में अधिकांश समय पुलिस मुख्यालय से बाहर फिल्ड में ही बिता है. जानकारी के मुताबिक चतरा, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, हजारीबाग और नालंदा जैसे जिलों में इनकी पुलिस कप्तानी को लोग आज भी याद करते हैं. उसके बाद यह मुंगेर, बेतिया, मुजफ्फरपुर में डीआइजी रहे और वहां जमकर सोशल इंजीनियरिंग के साथ स्मार्ट पुलिसिंग को अंजाम दिया.

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