बिहार सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह पर चारा घोटाला मामले में लगे आरोप के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई है। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान इस मामले को लेकर बुधवार को सदन की कार्यवाही 11:00 बजे शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर जम कर हंगामा किया।
पूर्व मंत्री और राजद नेता शिवचंद्र राम ने विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अंजनी कुमार सिंह को पद से हटाए जाने की मांग की और इसके बाद विपक्षी दलों के विधायक वेल के पास तक हंगामा करते हुए पहुंच गये।
पूर्व मंत्री ने बहुत जल्द ही सुशील मोदी और नीतीश कुमार के भी घोटाले में फंसने की बात कही है। वहीं, राजद विधायक रामानुज ने भी सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जो भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात करते हैं, उन्हें जल्द से जल्द मुख्य सचिव को पद से हटाना चाहिए।
वहीं, राजद के भोला यादव ने कहा कि लालू को तत्कालीन अधिकारियों ने फंसाया है। कोर्ट इन बिन्दुओं पर जांच कर रही है और बहुत जल्द ही दोषी अंदर होंगे। उन्होंने अंजनी कुमार सिंह को पद से हटाने की मांग की है। सदन में हंगामे के बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
राजद नेता अब्दुल गफूर ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अंजनी कुमार सिंह को पद पर रहते हुए सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दिया है। जबकि उनपर चारा घोटाले का आरोप है। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें सम्मन भी जारी किया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह मांग है कि जिस तरह लालू यादव पर एक अधिकारी को एक्सटेंशन देने पर उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया था, उसी ये सवाल अब मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेट्री पर भी लागू होता है।
वहीं सरकार का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आज विपक्ष के सदन में हंगामे से यह स्पष्ट हो गया कि जो लोग चारा घोटाले में जेल गए है वह साजिश के तरह नही फंसे हैं बल्कि वह जनता के पैसे लूटे थे। वहीं श्रवण कुमार ने कहा कि अंजनी कुमार को सीबीआई की नोटिस हुई है। उसका जबाब वह कोर्ट में देंगे।
राजद विधायकों के साथ-साथ कांग्रेसी विधायकों ने नरकटियागंज चीनी मिल प्रशासन पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी दलों के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी भी की।