मकर संक्रांति के मौके पर जो रौनक इस बार लालू यादव के निवास से गायब थी, तकरीबन वैसी ही ताजगी और गहमागहमी लालू के राजनीतिक विरोधियों के यहां देखने को मिली। जेडीयू और एलजेपी नेताओं के घर में इस बार धूमधाम से दही-चूड़ा का भोज मनाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पहुंचे और दही चूड़ा पार्टी में शामिल हुए। केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मुख्यमंत्री को गले लगाया और उन्हें तिलकुट खिलाया। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें दही चूड़ा बहुत पसंद और वह इसे रोज खाते हैं। नीतीश कुमार इस बार चार साल बाद बीजेपी के दही-चूड़ा भोज में दिखे। दोस्ती टूटने के बाद नीतीश पहली बार यहां पहुंचे थे। बीजेपी नेताओं ने गर्मजोशी उनका स्वागत किया।
पटना की सियासी दही-चूड़ा पार्टी कई राजनीतिक संकेत भी दे गई। जेडीयू द्वारा आयोजित भोज में कांग्रेस और आरजेडी नेताओं को न्यौता नहीं दिया गया था। लेकिन बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और प्रदेश की पिछली महागठबंधन सरकार में मंत्री रहे अशोक चौधरी भी अपनी पार्टी के विधान पार्षद दिलीप चौधरी और विधायक मुन्ना तिवारी के साथ वशिष्ठ नारायण द्वारा आयोजित भोज कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि अशोक चौधरी कांग्रेस छोड़ चुके हैं और उनके जेडीयू में आने की अटकलें हैं। जब इस बावत उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में संभावनाओं का खेल हमेशा चलता रहता है।
इस बार सालों बाद मकर संक्रांति के मौके पर पटना स्थित लालू यादव के आवास पर सन्नाटा छाया हुआ था। इस बार आरजेडी सुप्रीमो के घर मकर संक्रांति नहीं मनाई गई। चारा घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद लालू यादव रांची जेल में बंद हैं, इसके अलावा उनकी बहन की मौत की वजह से भी लालू के परिवार ने चूड़ा दही भोज नहीं मनाया। रांची जेल में बंद लालू यादव ने भी बस औपचारिकता पूरी की। लालू ने अपर डिवीजन के अन्य कैदियों ने भी एक साथ थोड़ा सा दही-चूड़ा खाया। रांची जेल अधीक्षक अशोक चौधरी ने बताया कि जेल में कैदियों के लिए मुकम्मल इंतजाम किया गया था। यहां पाउडर दूध से जमाई गई 500 किलो दही, डेढ़ क्विंटल चूड़ा और दो क्विंटल तिलकुट की व्यवस्था की गई थी। लालू यादव को गया का तिलकुट और भागलपुर का चूड़ा खास पसंद है लेकिन उन्हें इस बार ये नहीं मिल सका।