No intention of banning Khanna: Nitish Kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ कर दिया कि उनकी सरकार का खैनी (हथेली पर रगड़ कर खाया जाने वाला तंबाकू) पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं.
द हिंदू ने नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा, फिलहाल खैनी पर बैन लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है. यह लंबे दिनों की प्रक्रिया है और प्रदेश में खैनी उत्पादन में लगे किसानों के लिए हम विकल्पों पर गौर कर रहे हैं. लोक संवाद कार्यक्रम से इतर वे पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी राय रखी.
किसानों की बेहतरी का खयाल
बिहार सरकार ने प्रदेश में खैनी की बिक्री और उसे खाने पर रोक लगाने की योजना बनाई थी. बिहार में खैनी के चलते सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होने की शिकायत है. सीएम कुमार ने कहा कि उनकी सरकार एक्साइज कानून में सुधार की योजना बना रही है. कुमार ने कहा, निषेध और उत्पाद कानून को लेकर मैंने एक-एक सवाल का जवाब दिया, उसके बावजूद लोग इसपर लिख रहे हैं. मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ज्यादातर लोग इस फैसले (शराबबंदी) से खुश हैं.
इससे पहले मंगलवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने साफ कर दिया था कि खैनी पर प्रतिबंध के लिए केंद्र सरकार को कोई पत्र नहीं भेजा गया है. एएनआई ने एक रिपोर्ट में लिखा, पांडेय खैनी के खिलाफ हैं क्योंकि गुटखा और खैनी ही मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण हैं. पांडेय ने कहा, लेकिन केंद्र से इसपर बैन के लिए हमने कभी नहीं कहा.
FSSI ACT का क्या है नियम?
हालिया मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बिहार सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र लिखकर खैनी को खाद्य पदार्थ में शामिल करने का आग्रह किया था. इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद ही इस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) एक्ट के तहत जिस खाद्य पदार्थ में तंबाकू या निकोटिन पाया जाता है, उसे बैन करने का प्रावधान है. बिहार सरकार ने दो साल पहले प्रदेश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.