दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्र ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जुड़े लोगों और अपने साथियों से अपील की है कि वे 3 जून को कांस्टीट्यूशन क्लब में इकट्ठा होकर फैसला करें कि ‘घोटालों पर खामोश’ मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए, राइट टु रिकॉल या जनमत संग्रह कराया जाए। एक तरह से शक्ति प्रदर्शन का आगाज करते हुए कपिल मिश्र ने कहा कि समय आ गया है इंडिया अगेंस्ट करप्शन भाग-2 का और अब जनता का आंदोलन व जनता की बनाई पार्टी के भविष्य का फैसला भी जनता ही करेगी। आप नेता के मुताबिक, क्लब में उस दिन एक-एक घोटाले के दस्तावेज की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। रविवार को एक अपील जारी करते हुए कपिल ने कहा, ‘सभी आंदोलनकारियों से, देशभक्तों से, दिल्ली से प्यार करने वालों से अपील है कि आप सब 3 जून शाम पांच बजे कांस्टीट्यूशन क्लब आइए और अपनी आंखों से देखिए एक-एक सबूत कि हवाला और काले धन से अरविंद केजरीवाल के क्या रिश्ते हैं।’ कपिल मिश्र ने दावा किया कि अन्ना आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कई लोग इस मौके पर इकट्ठा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिस्ड कॉल की अपील के बाद से इससे लगभग 1 लाख साथी जुड़ चुके हैं। वहीं सबके सामने निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या करना है। अविश्वास प्रस्ताव, राइट टु रिकॉल या जनमत संग्रह।
कपिल मिश्र ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता की ताकत भूल गए हैं। उन्होंने कहा, ‘जब-जब भ्रष्टाचारी चुप होते हैं, तब-तब जनता बोलती है, अब दिल्ली की जनता बोलेगी। मैंने निर्णय लिया है इनके सारे घोटालों के, हवाला के, काले धन के सारे सबूत अब जनता के सामने रखूंगा। दवाइयों के घोटालों के, एंबुलेंस के फर्जी बिल सब जनता को दिखाऊंगा।’ दिल्ली सरकार से हटाए गए पूर्व मंत्री असीम अहमद खान का जिक्र करते हुए कपिल मिश्र ने कहा कि अरविंद केजरीवाल व सत्येंद्र जैन के खिलाफ, असीम अहमद खान की तुलना में 1000 गुना ज्यादा सबूत हैं, लेकिन असीम खान के लिए अलग नियम और केजरीवाल व सत्येंद्र के लिए अलग नियम। अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ घोटाले उजागर करने के सिलसिले में शनिवार को कपिल मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तीन मामलों का खुलासा किया था और 300 करोड़ रुपए के घोटाले का दावा किया था।