सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई को जस्टिस सीएस कर्णन को अवमानना के मामले में दोषी ठहराते हुए 6 महीने की सजा सुनाई थी। कर्णन को सजा मिलने के बाद इससे आहत होकर कुरुक्षेत्र से दिल्ली पहुंची एक महिला वकील जस्टिस कर्णन को इंसाफ देने की बात करते हुए सोमवार को उनके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में चिल्लाने लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट में जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी कि तभी यह महिला वकील जस्टिस कर्णन के पक्ष में चिल्लाने लगी। महिला वकील रेणुका कोर्ट में चिल्ला-चिल्ला कर कह रही थी कि न्यायतंत्र में काफी भ्रष्टाचार फैला हुआ है। मेरे पास कई जजों के खिलाफ सबूत हैं।
रेणुका की इस बात से जस्टिस खेहर को काफी गुस्सा आया। उन्होंने रेणुका को चेतावनी दी कि अगर वह इस प्रकार का व्यवहार करेंगी तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। खेहर ने रेणुका से कहा कि अगर आपके पास कुछ सबूत हैं और आप कुछ कहना चाहती हैं तो एक प्रक्रिया के अनुसार नियम का पालन कर अपनी बात रखें। तीन तलाक की सुनवाई के दौरान लंच का समय हो गया और जैसे ही जस्टिस खेहर और अन्य जस्टिस वहां से जाने लगे तो रेणुका ने फिर से चिल्लाना शुरु कर दिया लेकिन इस बार सभी जज उसकी बात को अनसुना कर वहां से निकल गए।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के जज सीएस कर्णन की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के वकील को चेतावनी दी कि वह उच्चतम न्यायालय का समय बर्बाद ना करें। जस्टिस कर्णन की ओर से उनके वकीलों ने कोर्ट में कहा था कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए। इस पर कर्णन के वकील मैथ्यू नादुम्पारा से कोर्ट ने कहा, “आप हमारा समय बर्बाद कर रहे हैं। जब याचिका हमारे समक्ष आएगी तो सुनवाई कर ली जाएगी।” इससे पहले भी चीफ जस्टिस ने वकील से कहा था कि यह पीठ दूसरे मामले पर सुनवाई कर रही है। ऐसे में आपको इस पीठ के समक्ष उल्लेख नहीं करना चाहिए।