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‘187 नकली कंपनियों’ के पते पर रहने वाले ने कहा, ये

आम आदमी पार्टी (आप) से बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर नकली कंपनियों के जरिए भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि नकली कंपनियों के जरिए आप को पैसा पहुंचाया गया। इस दौरान उन्होंने कई दस्तावेज भी पेश किए थे, जिसमें कहा गया था कि कुछ पतों पर नकली कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। लेकिन सहयोगी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल के मुताबिक गंगा विहार इलाके में जिस पते पर 187 फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड होने की बात कपिल मिश्रा ने कही है, वह एक रिहायशी इलाके का तीन मंजिला घर है। यहां के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाली मीरा कहती हैं, मैं पिछले पांच वर्षों से यहां रह रही हूं। आप मकान मालिक से पूछिए, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मीरा ने इसके बाद पड़ोस की एक बिल्डिंग में रहने वाली मकान मालकिन शशि शर्मा को बुलाया। उन्होंने कहा, सुबह से लोग आकर बस यही सवाल पूछ रहे हैं, आप कपिल मिश्रा से ही सच क्यों नहीं पूछते। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानती।

उन्होंने कहा, मेरे देवर मुकेश कुमार शायद इस बारे में ज्यादा जानते हों, लेकिन वह एक बिजनेस ट्रिप के सिलसिले में हैदराबाद गए हैं। लेकिन मुकेश का आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल या कपिल मिश्रा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इन दो बिल्डिंगों में रहते हैं और अपने पति की याद में मैंने अपने घर को आश्रम में तब्दील कर दिया है। यहां कोई अॉफिस नहीं हैं। शुरुआत में शर्मा ने मुकेश का नंबर देने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में उन्हें खुद फोन किया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मुकेश ने कहा, यहां कोई फर्जी कंपनियां नहीं हैं और न ही मेरा कपिल मिश्रा से कोई संबंध है। मैंने कभी अरविंद केजरीवाल को नहीं देखा। उन्होंने कहा, मेरा फाइनेंस और पार्टी को दी गई मेरी फंडिंग्स साफ और पारदर्शी है। मैं वापस आकर कपिल मिश्रा को देखूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे केस की कई एजेंसियों जैसे इनकम टैक्स और रजिस्ट्रार अॉफ कंपनीज ने जांच की है। 4 में से 2 मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है। मुकेश ने कहा कि साल 2015 में आम आदमी पार्टी से अलग हो चुके समूह आप वॉलंटियर एक्शन मंच (एवीएएम) ने पार्टी को दी गई डोनेशन में गड़बड़ी को लेकर आरोप लगाए थे।

कोई राजस्व नहीं :  इंडियन एक्सप्रेस ने पाया कि जिन 4 कंपनियों ने एक साथ आप को 2 करोड़ रुपये दिए थे, उनके पास करोड़ों रुपये नकद में थे, लेकिन कोई राजस्व नहीं था। रजिस्ट्रार अॉफ कंपनीज के रिकॉर्ड्स के मुताबिक इन कंपनियों को साल 1994-2009 के बीच स्थापित किया गया, जबकि आम आदमी पार्टी का गठन 2012 में हुआ था। इन कंपनियों के तीन डायरेक्टर्स हैं-हेम प्रकाश शर्मा, धर्मेंद्र कुमार और मुकेश कुमार। मुकेश ने कहा, कपिल मिश्रा साल 2015 में कहां थे और वह क्यों अपने निजी मामले में मुझे खींच रहे हैं।

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