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बीजेपी- टीडीपी ने एनडीए से अलग होकर खुद का ही नुकसान किया…

टीडीपी का साथ छोड़ने के बाद बीजेपी की ओर से भी आधिकारिक बयान आया है. बीजेपी ने कहा कि टीडीपी ने उसका साथ छोड़कर खुद का ही नुकसान किया है. आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा ना देने पर सवाल उठाते हुए बीजेपी ने कहा है कि पिछले 4 सालों से टीडीपी ने ऐसा कोई कदम क्यों नहीं उठाया.

अवसर के रूप में इसका इस्तेमाल करेगी बीजेपी!
बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि जिन राजनेताओं को ऐसा लग रहा है कि टीडीपी के साथ छोड़ने से पार्टी टूट जाएगी तो यह गलत है. उन्होंने कहा कि इस मौके को बीजेपी एक अवसर के रूप में प्रयोग करेगी और आंध्र प्रदेश में नई सिरे से काम करेगी. जी.वी.एल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर कहा, “तेदेपा का केंद्र के किलाफ दुष्प्रचार के बाद उनका गठबंधन से अलग होना जरूरी बन पड़ा था. राव ने कहा, “आंध्र प्रदेश के लोगों को अब पता चल गया होगा कि तेदेपा अपनी अयोग्यता और निष्क्रिय शासन को छिपाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है. गठबंधन से तेदेपा का अलग होना आंध्र प्रदेश में भाजपा के विकास के लिहाज से सही अवसर है.”

मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीडीपी के फैसले का स्वागत किया
टीडीपी के एनडीए का साथ छोड़ने के बाद राजनेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ का ऐलान किया और अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीडीपी के फैसले का स्वागत किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि टीडीपी ने मोदी सरकार को सही समय पर सबक सिखाया है. खड़गे ने केंद्र सरकार पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्ज ना दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं.

कांग्रेस करेगी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सोमवार को टीडीपी की ओर से संसद में पेश किए जाने वाले अविश्वास पत्र का वो भी समर्थन करेंगे. बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी इस अविश्वास पत्र के समर्थन की बात कर चुकी हैं.

इस वजह से आई टीडीपी और बीजेपी के रिश्तों में दरार
बजट सत्र के दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज और राज्य का दर्ज ना दिए जाने के कारण टीडीपी काफी समय से केंद्र सरकार से नाराज चल रही थी. बजट सत्र के दौरान टीडीपी सांसदों ने कई बार सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन भी किया, लेकिन सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. नाराजगी और पीएम मोदी से बातचीत के बाद पार्टी की शुक्रवार (16 मार्च) को हुई पोलित ब्यूरो की बैठक में एनडीए से अलग होने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही टीडीपी के 16 सांसदों ने एनडीए सरकार को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया.

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