आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार गिराने के आरोपों को लेकर कुमार विश्वास ने चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को उन्होंने आप में दिल्ली के संयोजक गोपाल राय पर पलटवार किया। उन्होंने राय की तुलना कुंभकर्ण और फिल्म बाहुबली के कट्टपा से की। विश्वास ने कहा कि सात महीने बाद वह जागे हैं। इस पर पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। इस माहिष्मती की शिवगामी कोई और है। मेरा उनसे अनुरोध है कि नए गुप्ताज जो पार्टी में आएं हैं, वह उनके योग दान का आनंद उठाएं। बता दें कि विश्वास की इस प्रतिक्रिया से पहले गुरुवार को गोपाल राय ने आरोप लगाया था कि नगर निगम चुनावों के बाद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के केंद्र में विश्वास थे। इससे पहले राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद केजरीवाल सरकार के खिलाफ क्षोभ जताने के एक दिन बाद कवि-नेता कुमार पर पार्टी ने जोरदार पलटवार किया था।
पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा, “राय की सात महीने बाद उनकी कुंभकर्णी नींद जागी है। पार्टी ने इस पर उनके बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल, इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है। हर बार नए कट्टपा अमानस से लेकर यहां तक पैदा किए जाते हैं। मेरा उनसे अनुरोध है कि नए-नए कांग्रेस-भाजपा से आए गुप्ताज हैं, उनके योग दान का कुछ दिन आनंद लें। मेरे साथ छेड़छाड़ न करें। पिछली बार बाबरपुर में मैं उन्हें जितवाने के लिए गया था। इस बार सुशील गुप्ता की रैली कराएं। वहां से सांसद बनें। पीएम बनें। किम जोंग ने उन्हें भी बहुत तंग कर रखा है विश्व को। यूएन के अध्यक्ष भी बन जाएं, थोड़ी शांति हो जाएगी। अभी आनंद लें, मजे लें। चीजें अंदर आई हैं।”
विश्वास ने गुरुवार रात इस बाबत एक ट्वीट भी किया। लिखा, “पार्टी ने ‘राय’ की राय से किनारा किया, इस पर उनकी राय। इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है, जो बाहुबली को मारने के लिए हर बार कटप्पा बदलती रहती है।”
राय ने आगे दावा किया कि पिछले वर्ष अप्रैल में एमसीडी चुनावों के बाद सरकार को गिराने का प्रयास किया गया और उस षड्यंत्र के केंद्र में कुमार विश्वास थे। उन्होंने फेसबुक के लाइव सत्र में कहा, ‘‘इस बारे में कुछ विधायकों के साथ अधिकतर बैठकें उनके आवास पर हुईं। कपिल मिश्रा उसका हिस्सा थे और बाद में उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया।’’ यही नहीं, राय ने यह भी बताया, ‘‘वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हर संभव सार्वजनिक मंच से पार्टी पर प्रहार किए। क्या इस तरह के व्यक्ति को राज्यसभा भेजा जा सकता है?’’