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NBCC: दिल्ली में नहीं काटे जा रहे हैं 16,500 पेड़!

NBCC: 16,500 trees are not being cut in Delhi!

दिल्ली में पेड़ काटने को लेकर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) के सीएमडी अनूप कुमार मित्तल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से कहा है कि टीवी में जिस तरह से पेड़ों का कटना दिखाया जा रहा है वह हकीकत नहीं है. हम पेड़ों को अपने बच्चों की तरह मानते हैं. हम जल्द ही काटे गए पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाएंगे. साउथ दिल्ली में 16,500 पेड़ नहीं काटे जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में सात कॉलोनियों की मरम्मत की जानी है. सत्तर हजार कार पार्किंग का निर्माण करना है. इन सब के निर्माण में 500 एकड़ जमीन लगने वाली है. इस प्रोजेक्ट में कई पेड़ों को बचाया भी गया है.

सफाई में क्या बोले अनूप कुमार?
पेड़ों की कटाई से संबंधित आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि नौरोजी नगर में 2,400 पेड़, नेताजी नगर में 2,200 पेड़ काटने की अनुमति ली जा चुकी है. कुछ पेड़ों की कटाई से पहले पेड़ लगाए जा चुके हैं. कुछ नए पेड़ ट्रांसप्लांट कर रहे हैं. दिल्ली में निर्माण के मद्देनजर सभी बड़े पेड़ नहीं काटे जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एक पेड़ काटने से भी पर्यावरण पर असर पड़ता है. पंद्रह-सोलह हजार पेड़ काटे से असर तो होगा ही. लेकिन जितनी जल्दी पेड़ लगा दिए जाएं उतना ही अच्छा होगा.

हाईकोर्ट ने लगाई रोक
दिल्‍ली में पेड़ काटने को लेकर दिल्‍ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 4 जुलाई तक पेड़ न काटने के आदेश दिए हैं. इस मामले में एनबीसीसी की ओर से कहा गया कि एनजीटी में ये मामला बहुत साल चला और अंत मे एनजीटी ने पेड़ काटने की अनुमति दे दी. हालांकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट में एनजीटी के आदेश का हवाला नहीं दिया.

एनजीटी आदेश के बाद होगी अगली सुनवाई
इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अब 2 जुलाई को एनजीटी में मामला है तो क्‍यों न तब तक पेड़ काटने पर रोक लगा दी जाए. हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब 4 जुलाई को होगी. ऐसे में एनजीटी में होने वाली अगली सुनवाई तक दिल्‍ली में पेड़ नहीं काटे जा सकते हैं.

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि साउथ दिल्‍ली में करीब 20 हजार पेड़ काटे जाने की योजना है. जबकि दिल्‍ली में 9 लाख पेड़ों की पहले से ही कमी है. याचिककर्ता के वकील जयन्त मेहता का कहना है कि 4 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई होगी. तब तक कोई पेड़ नही काट सकता.

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