Petrol for the first time in Delhi so expensive! Learn to rate …
दिल्ली में पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई में पहुंच गए हैं. यह पहली बार है जब दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 76 के पार निकली हैं. इससे पहले पेट्रोल 76 के पार कभी नहीं पहुंचा था. पिछले 7 दिनों से पेट्रोल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. रविवार को पेट्रोल की कीमतों में 33 पैसे की बढ़ोतरी की गई. वहीं, डीजल के दाम 26 पैसे बढ़ाए गए. अब दिल्ली में पेट्रोल 76.24 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल 67.57 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है.
बाकी मेट्रो शहरों का क्या है हाल
दिल्ली के बाद मुंबई में भी पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. आशंका है कि मुंबई में जल्द पेट्रोल 90 रुपए के आंकड़े को छू लेगा. रविवार को मुंबई में पेट्रोल के 32 पैसा बढ़ाकर 84.07 प्रति लीटर पहुंच गए हैं. वहीं, डीजल 27 पैसे बढ़कर 71.93 रुपए पर पहुंच गया है. कोलकाता की बात करें तो यहां पेट्रोल पर 32 पैसे बढ़ाए गए हैं, इसकी कीमत 78.91 रुपए प्रति लीटर हो गई है. कोलकाता में डीजल 26 पैसा महंगा होकर 70.11 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है. चेन्नई में पेट्रोल के दाम 35 पैसे बढ़कर 79.13 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं. वहीं, डीजल के दाम 28 पैसे बढ़कर 71.31 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं.
6-8 रुपए प्रति लीटर बढ़ सकते हैं दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. आगे भी कच्चा तेल और महंगा होने की संभावनाएं हैं. दूसरी ओर रुपए में कमजोरी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में तेल कंपनियों के पास पेट्रोल-डीजल की कीमतों को होल्ड करने की गुंजाइश कम होगी. आशंका है कि अगले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल में 6-8 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है. मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, क्रूड के दाम में उछाल आने से घरेलू मार्केट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. पेट्रोल-डीजल पर 6-8 रुपए तक बढ़ सकते हैं. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी ने भी पेट्रोल के दाम में 4 रुपए प्रति लीटर के उछाल की संभावना जताई है.
85 डॉलर के पार जाएगा क्रूड
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो आगे भी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहेगी और यह 85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है. सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, ओपेक देशों की तरफ से उत्पादन में कटौती के चलते इसके दाम बढ़ेंगे. वहीं, अमेरिका की तरफ से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से सप्लाई घट गई है. यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आना तय है. क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच सकता है.
90 डॉलर भी जा सकता है क्रूड
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, क्रूड की कीमतों में उछाल अगले दो साल तक जारी रह सकता है. ऐसे में 2020 तक यह 90 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू सकता है. डिमांड और सप्लाई का अनुपात बिगड़ने से क्रूड की कीमतों में तेज उछाल आएगा. अक्टूबर 2014 में कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचे थे.
कंपनियां का मार्जिन गिरा
तेल कंपनियों के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों को स्थिर रखना मुश्किल हैं. क्योंकि, कर्नाटक चुनाव के चलते पेट्रोल डीजल की कीमतों को 19 दिन होल्ड पर रखा गया था. जिससे कंपनियों का मार्जिन बिगड़ गया है. अब मार्जिन को पहले के स्तर पर ले जाने के लिए उसे पेट्रोल-डीजल में लगातार इजाफा करना होगा. पिछले पांच दिन में कंपनियां 1 रुपए पेट्रोल और 1.15 रुपए डीजल पर बढ़ा चुकी हैं. बता दें, कर्नाटक चुनाव के दौरान कीमतें होल्ड करने से तेल कंपनियों को करीब 500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है.