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केजरीवाल के नितिन गडकरी से माफी मांगने के पीछे की कहानी…

दिल्ली: बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आखिरकार अपनी शर्तों को मनवाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माफीनामे को स्वीकार कर लिया है. अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नेता नितिन गडकरी को 16 मार्च को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘हम दोनों अलग-अलग दलों में हैं. मैंने आपके बारे में बिना जांचे कुछ आरोप लगाए, जिससे आपको दुख हुआ होगा. इसलिए आपने मेरे खिलाफ मानहानि का केस दायर किया. मुझे आपसे निजी तौर पर कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं.’

नितिन गडकरी के मानहानि केस पर कोर्ट में अर्जी भी लगा दी गई है. गडकरी और केजरीवाल ने पटियाला हाउस कोर्ट में केस को वापस लेने की अर्जी लगाई है. केजरीवाल ने गडकरी को 16 मार्च को माफी मांगते हुए पत्र लिखा था, जिसके बाद कोर्ट में केस वापस करने की अर्जी लगाई गई है.

आ रही खबरों के मुताबिक सूत्रों कहना है कि दोनों नेताओं ने पुरानी बातें भुला दी हैं और फाइनल माफीनामा आने टाइम लगा. जैसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने बयान को लेकर नितिन गडकरी से बात की और समझौता हुआ वैसे ही कोर्ट में एक ज्वाइंट एपिलकेशन फाइल कर दी गई. साल 2014 में केजरीवाल ने गडकरी को देश के सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं में से एक बताया था. इसका जवाब देते हुए बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था.

नितिन गडकरी से माफी मांगने के अलावा अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया, कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल से भी लिखित माफी मांगी है. इस फैसले से पार्टी के अंदरूनी नेताओं से लेकर बाहरी लोग भी हैरान हैं. खबर है कि केजरीवाल के खिलाफ चल रहे 33 मानहानि के केस कोर्ट में सेटल किए जाएंगे और सभी नेताओं से बात की जाएगी जिन पर केजरीवाल ने आरोप लगाए थे.

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