मध्य प्रदेश में फसलों की उचित कीमत को लेकर राज्य के किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 5 किसानों की जान भी जा चुकी है, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई। रोचक बात यह है कि इस आंदोलन में किसानों का साथ दे रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय संयोजक शिवकुमार शर्मा पूर्व आरएसएस नेता हैं। उन्होंने मई 2012 में भी राज्य के बरेली शहर में किसान आंदोलन की शुरुआत की थी। वो उस समय भारतीय किसान संघ के महासचिव थे। 2012 का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। किसानों ने सरकारी वाहनों और संपत्ति को आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सरकारी अफसरों से मारपीट भी की थी। इसके बाद हुई पुलिस फायरिंग में एक किसान की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे।
शर्मा को इसके बाद जेल जाना पड़ा था और उनके खिलाफ कई मुकदमें चलाए गए। तब भाजपा और आरएसएस ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। भाजपा ने शर्मा को एक ब्लैकमेलर बताया था और उनपर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया था। हालांकि बेल पर बाहर आने के बाद शर्मा ने अपने निष्कासन को अवैध बताया था और कहा था वह भारतीय किसान संघ के नेता बने रहेंगे।
फरवरी 2013 में शर्मा ने लाखों किसानों के समर्थन का दावा करते हुए किसान मजदूर प्रजा पार्टी खड़ी की। राज्य में एक जून को इस किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी तब तक शर्मा की कोई भूमिका नहीं थी। कहा जा रहा था कि भारतीय किसान यूनियन के अनिल यादव किसानों को आंदोलन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यादव ने एक रात पहले ही आंदोलन करने की घोषणा की लेकिन उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया। हालांकि 3 जून को जब आंदोलन उग्र हुआ तब यादव और अन्य को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इसके बाद शर्मा भी इस आंदोलन में शामिल हुए।