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रामनाथ कोविंद के संघ से रिश्तों पर बीजेपी नेता ने कहा- आरएसएस वाले पाकिस्तानी नहीं होते

सोमवार (19 जून) को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को बीजेपी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। बीजेपी के चयन का विपक्ष दल यह कहकर आलोचना करने लगे कि कोविंद का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नाता रहा है इसलिए उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसे ही आरोप पर मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भड़क गए। गुस्से में विजयवर्गीय ने सवाल उठाने वाले से ही पूछ लिया कि अगर कोविंद आरएसएस से हैं तो क्या? विजयवर्गीय यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे पूछा, क्या आरएसएस वाले पाकिस्तान से आए हैं? एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार विजयवर्गीय ने कहा कि देश को गर्व होना चाहिए कि उसे एक राष्ट्रवादी राष्ट्रपति मिलेगा।

विजयवर्गीय ने राम नाथ कोविंद के दलित होने पर भी जोर दिया। विजयवर्गीय के अनुसार एक चायवाले का देश के प्रधानमंत्री बनना और एक दलित का राष्ट्रपति बनना बताता है कि देश में साधारण आदमी भी बड़ी सफलता हासिल कर सकता है। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 28 जून तक होने है। एक जुलाई तक नाम वापस लिया जा सकता है। चुनाव 17 जुलाई को होगा। मतगणना 20 जुलाई को होगा। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।

सोमवार को रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम ई पलानीस्वामी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू इत्यादि को फोन करके बीजेपी के फैसले की सूचना दी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया से कहा कि रामनाथ कोविंद ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे।

हालांकि बीजेपी के सहयोगी शिव सेना ने कहा है कि पार्टी अभी कुछ दिन में बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने के बारे में फैसला करेगी। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के साथ ही शिव सेना ने भी बीजेपी पर दलित कार्ड खेलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस, जदयू, राजद, सपा, बीजद इत्यादि विपक्षी दल 22 जून को विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए बैठक करने वाले हैं।

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