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तीन महीनों तक एक लाख वकीलों को काले कोट से मिली मु​क्ति, जानिए रिपोर्ट…

मध्यप्रदेश में सूरज के तेवर लगातार तीखे होने के बीच करीब एक लाख वकीलों को यह खबर राहत की ठंडी बयार सरीखी लग सकती है। उन्हें 15 अप्रैल से अगले तीन महीने तक जिला न्यायालयों और अन्य निचली कचहरियों में पैरवी के वक्त काला कोट पहनने से छूट मिल गयी है।

राज्य अधिवक्ता परिषद के एक पदाधिकारी ने बताया कि गर्मी के मौसम में वकीलों को काला कोट पहनने से होने वाली परेशानियों के मद्देनजर नियम-कायदों में ढील देते हुए यह फैसला किया गया है। यह निर्णय प्रदेश के सम्बद्ध न्यायालयों में 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक प्रभावी रहेगा।

उन्होंने बताया कि काला कोट पहनने की छूट के दायरे में आने वाले पुरुष वकीलों को पैरवी के वक्त पहले की तरह सफेद शर्ट पहनना होगा। इसके साथ वह काला या सफेद या धूसर रंग (ग्रे) का धारीदार पैंट पहन सकेंगे। उन्हें गले में सफेद रंग की खास पट्टी (एडवोकेट बैंड) भी लगानी होगी।

हालांकि, शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में पैरवी के वक्त वकीलों को काला कोट पहनने की छूट नहीं मिलेगी। राज्य अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारी ने बताया कि विभिन्न वकील संगठनों ने पिछले दिनों परिषद को भेजे ज्ञापनों में गुजारिश की थी कि गर्मी के मौसम में अधिवक्ताओं को काले कोट से छूट दी जाये।

इन ज्ञापनों के मुताबिक सूबे के अधिकांश जिला और तहसील अधिवक्ता संघों के कार्यालयों में वकीलों की बड़ी तादाद के मुकाबले उनके बैठने की जगह की खासी कमी है। इसके चलते कई वकीलों को न्यायालय भवनों के तंग बरामदों और इसके बाहर के खुले स्थानों में बैठकर अपने पेशेवर कार्य निबटाने पड़ते हैं। गर्मी के मौसम में इन जगहों पर काला कोट पहनकर काम करने से वकील पसीने के कारण परेशान हो जाते हैं। इस दौरान बिजली गुल होने पर उनकी हालत और खराब हो जाती है।

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