मध्य प्रदेश के सागर जिला स्थित हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में कार्रवाई करते हुए आउटसोर्सिंग केयरटेकर इंदू को हटा दिया गया है. पीड़ित छात्राएं अपनी शिकायत लेकर जब कुलपति आर पी तिवारी के पास पहुंचीं तो वे भी हैरान हो गए और उन्होंने उनसे माफी मांगी. साथ ही मामले में जांच करवाने का आश्वासन भी दिया. कुलपति ने कहा कि यदि हॉस्टल वार्डन मामले में दोषी पाई जाती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया से बात करते हुए हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी के कुलपति आर पी तिवारी ने कहा कि ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदाजनक है. उन्होंने कहा कि छात्राएं जब मेरे पास आईं तो मैंने उन्हें कहा कि वे मेरी बेटी जैसी हैं. मैंने उनसे माफी भी मांगी. मैंने उन्हें मामले में जांच और कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है. यदि जांच में वार्डन दोषी पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा.
क्या है मामला
सागर की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हरिसिंह गौर के रानी लक्ष्मीबाई कन्या छात्रावास में शनिवार को इस्तेमाल किया गया गंदा सेनेटरी पैड मिला था. इससे हॉस्टल की वार्डन नाराज हो गई और उन्होंने आउटसोर्सिंग केयरटेकर इंदू के साथ मिलकर छात्राओं की तलाशी शुरू कर दी. आरोप है कि इस दौरान छात्राओं की चैकिंग करते हुए उनके कपड़े भी उतरवा दिए गए. छात्राओं ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद कई लड़कियां सदमे में चली गईं. कुछ को अस्पताल तक ले जाना पड़ा.
मीडिया से बात करते हुए एक छात्रा ने कहा कि, ‘हम लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया कि हम आपको बता भी नहीं सकते. हम इतने शर्मसार हैं कि शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.’ छात्रा ने आगे बताया कि उन पर कॉलेज द्वारा इस मामले को बाहर किसी को नहीं बताने का दबाव डाला गया था. उनसे कहा गया था कि ऐसा करने पर कॉलेज की बदनामी होगी. इस वजह से छात्राएं चुप रहीं. लेकिन वे इस घटना को भुला नहीं पा रही थीं. ऐसे में घटना के दो दिनों बाद उन्होंने कुलपति से मामले की शिकायत करने का फैसला किया.
एक अन्य पीड़ित छात्रा ने कहा कि, ‘हमारे साथ जो किया गया क्या वार्डन वैसा ही व्यवहार अपनी बेटियों के साथ करतीं? हम चाहते हैं कि हमसे माफी मांगी जाए और वार्डन को बर्खास्त किया जाए.