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यूपी के बड़े पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच, लगा ये आरोप….

लखनऊ: पंजाब की नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड गोपी घनश्यामपुरा को छुड़ाए जाने का मामला प्रदेश पुलिस की छवि पर आंच बनता नजर आ रहा है। जांच एजेंसियां गोपी का अब तक कुछ पता नहीं लगा सकी हैं। वहीं पंजाब पुलिस के पास गोपी को छुड़ाने को लेकर हुई बातचीत का आडियो मौजूद होने की बात सामने आने के बाद सरगर्मी और बढ़ गई है। शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच का निर्णय लिया है।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के मुताबिक एडीजी स्तर के अधिकारी की अगुवाई में उच्च स्तरीय कमेटी प्रकरण की जांच करेगी। नाभा जेल ब्रेक के मामले में पंजाब पुलिस मास्टरमाइंड गोपी घनश्यामपुरा की तलाश कर रही है। इस बीच गत दिनों गोपी के लखनऊ में पकड़े जाने की बात सामने आई थी, लेकिन किसी जांच एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की थी।

12 सितंबर को नाभा जेल से भागे एक आरोपित ने सोशलमीडिया पर गोपी के लखनऊ में पकड़े जाने की सूचना वायरल की थी। वहीं 16 सितंबर को एसटीएस ने अमनदीप, हरजिंदर सिंह व पिंटू तिवारी को पकड़कर पंजाब पुलिस को सौंपा था। बताया गया कि तीनों के पकड़े जाने से पूर्व ही पिंटू के जरिये गोपी को छुड़ाने के लिए यूपी पुलिस के आइजी स्तर के एक अधिकारी से संपर्क साधा गया था।

गोपी को पुलिस अभिरक्षा से छोड़ने के लिए एक करोड़ रुपये की एक डील हुई थी, जिसके बाद करीब 45 लाख में सौदा तय हुआ था। इसे लेकर सुलतानपुर के एक होटल में डील से जुड़े कुछ लोग आपस में मिले थे। चर्चा है कि पंजाब पुलिस ने आइबी को इसकी सूचना दी थी।

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