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यूपी में CM योगी के आदेश को ठेंगा दिखाने वाले IAS अफसरों पर गिर सकती है बिजली, सरकार ने माँगा जवाब

लखनऊ : केंद्र सरकार को अपनी संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले यूपी के आईएएस अफसरों पर अब मुसीबत के बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं. जिसके चलते अपनी संपत्तियों को सार्वजानिक न करने वाले सूबे के 138 आईएएस अफसरों से अब सरकार ने जवाब तलब किया है. गौरतलब है की यूपी के सीएम की कुर्सी सँभालते ही योगी आदित्यनाथ ने सूबे के आईएएस अफसरों से उनकी संपत्ति सार्वजनिक करने को कहा था, लेकिन अभी तक राज्य के 138 अफसरों ने केंद्र सरकार को अपनी संपत्तियों का कोई ब्यौरा नहीं दिया है. जिसके चलते प्रदेश सरकार ने ऐसे अफसरों से जवाब तलब किया है.

जानिए किन अधिकारियों ने नहीं दिया संपत्तियों का ब्यौरा

सूत्रों के मुताबिक जिन आईएएस अफसरों ने केंद्र को अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, उनमें वरिष्ठ आईएएस अफसर शैलेश कृष्ण, नवतेज सिंह, प्रवीर कुमार और हरिराज किशोर शामिल हैं. अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली के तहत आईएएस अफसरों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता है. इस नियम के मुताबिक अधिकारियों को वर्ष 2016 का वार्षिक अचल संपत्ति का ब्यौरा 1 जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार 31 जनवरी तक दे देना चाहिए.

500  में से सिर्फ 138 अधिकारियों ने नहीं दिया ब्यौरा

अफसरों को यह ब्यौरा ऑनलाइन देना होता है और उसकी प्रति प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को भी उपलब्ध करानी होती है.मार्च खत्म होने को है लेकिन यूपी काडर के 500 आईएएस अफसरों में से 138 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. इधर सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने मंत्रियों के बाद जब अफसरों से चल व अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा तो शासन ने पड़ताल शुरू की तब यह तथ्य सामने आए.

अलग से भी देना होगा संपत्ति का ब्यौरा

अखिल भारतीय सेवा नियमावली के मुताबिक 31 जनवरी तक सम्पत्ति का ब्यौरा न देने वाले आईएएस अधिकारियों से मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने जवाब-तलब किया है. उन्हें एक मौका और देते हुए छह अप्रैल तक संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन या हार्डकॉपी में निय‌ुक्ति विभाग या केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को उपलब्‍ध कराने का निर्देश दिया है.सूबे के आईएएस अधिकारियों को 15 मार्च की स्थिति के अनुसार चल संपत्ति का ब्यौरा अलग से भी देना होगा. यह सूचना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के निर्देश पर मांगी गई है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वे छह अप्रैल तक यह सूचना हर हाल में उपलब्ध करा दें.

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