लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के छह माह पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने श्वेतपत्र को सफेद झूठ बताते हुए कर्जमाफी को किसानों से धोखा कहा।
आज लखनऊ में सपा प्रमुख ने पत्रकार वार्ता में योगी सरकार की एक एक करके तमाम खामियां गिनाईं और अपने मुख्यमंत्रित्वकाल की उपलब्धियां बताते हुए सपा शासन काल को बेहतर साबित करने में जुटे रहे। मुख्यमंत्री की चुटकी लेने और अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका भी नहीं छोड़ा। विकास ठप व कानून व्यवस्था बर्बाद होने की तोहमत भी दी। श्वेत पत्र लाने में एक के बजाय छह माह लगने, देर रात तक मुख्यमंत्री द्वारा प्रेजेंटेशन देखने और किसान कर्जमाफी के प्रमाणपत्रों को लेकर तंज भी कसे।
अखिलेश यादव ने कहा कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी नही छोड़ा। कहा कि एक पिछड़ी जाति के भी एक उप मुख्यमंत्री हैं। वह हर बार पिछड़ जाते हैं। एनेक्सी में अपने नाम का बोर्ड लगवा दिया था जिसे उखड़वा दिया गया। यह बात भी श्वेतपत्र में आनी चाहिए थी। अखिलेश ने उस बयान का भी जिक्र किया, जिस में कहा गया था कि अफसर खाए परंतु दाल में नमक जितना। श्वेतपत्र में होना चाहिए कि दाल में नमक कितना हो?
दूसरों की आंखों का सपना देख रहे
अखिलेश ने कहा कि भाजपा के लोग दूसरों की आंखों का सपना देख रहे हैं। मेट्रो भाजपा का सपना कैसे हो सकता है? हमें इंतजार है बनारस, गोरखपुर व झांसी में मेट्रो चलने का? उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि काम नहीं हुआ जबकि सरकार ने काम रोक दिए हैं। हर रोज 10 हजार गाडिय़ां चल रही हैं। वहां से गाय माता हटा दो, लोग सुरक्षित होंगे। कर्जमाफी पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि सर्टिफिकेट मुख्यमंत्री स्वयं देख लेते तो कुछ सच्चाई पता चलती। लगता है जब प्रमाणपत्र बने तब मंत्री सो गए अथवा आंख बंद थी। भुगतान के दावे किए जा रहे हैं परंतु गन्ना मंत्री के क्षेत्र में किसानों को पैसा नहीं मिला।
नवरात्र व्रत रखता हूं परंतु प्रचार नहीं करता
अखिलेश ने पूजापाठ और मंत्र उच्चारण पर तंज सके। हालांकि उनका कहना था कि मैं भी नवरात्र व्रत रखता हूं लेकिन, प्रचार नहीं करता। अब सोच रहा हूं, चंदन टीका लगा लूं। उन्होंने वृंदावन, काशी व अयोध्या में विकास को ज्यादा बजट देने की याद दिलाई। शिक्षामित्र, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से अन्याय होने की दुहाई भी दी। लैपटाप व पुरस्कार बांटने में जातिवाद न करने की अपनी सफाई भी दी।
हमारे वफादार अब आपके कानों में बात करते है
सत्ता के साथ व्यवहार बदलने वाले अधिकारियों पर भी सपा प्रमुख ने टिप्पणी की। कहा कि जो कहते थे कि हम वफादार हैं वही हमारे प्रेजेंटेशन आपको दिखा रहे हैं, कान में बातें करते हैं। हमारे एमएलसी ले कर कुर्सी बचा लीं और धन्यवाद भी नहीं दिया। कुछ अधिकारी उद्घाटित हो चुकी योजनाओं का फिर उद्घाटन करा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखपुर की बंद पड़ी योजनाओं को भी गिनाया। कहा कि दो इंजन वाली सरकार को तेज चलाना चाहिए था परंतु ऐसा नहीं हो पा रहा। उन्होंने भाजपा को तुष्टिकरण करने पर घेरा। मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि मेरे घर आएं और पेड़ पर लगने वाला फल बता दें तो उनको मानें। सपा सम्मेलन में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह को बुलाने वाले सवाल पर चुप्पी साधी और अब पार्टी के दरवाजे सबके लिए खोलने का दावा किया। अखिलेश ने दो बार गालिब का शेर भी पढ़ा, ‘उम्र भर हम यह गलती करते रहे, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करते रहे।’