लखनऊ: सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार के श्वेत पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा है कि भाजपा जन सापेक्ष नीतियों की पक्षधर नही है। वह जनहित के कार्यों के प्रति कभी गंभीर नहीं रही। यह श्वेतपत्र की आड़ में अपनी जिम्मेदारी से पलायन है। योगी सरकार ने श्वेत पत्र में सर्वाधिक आरोप पांच वर्ष की सपा सरकार पर ही लगाया है।
सोमवार को मुख्य विपक्षी पार्टी सपा की ओर से जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा विकास विरोधी पार्टी है। उसका काम बस समाज को तोडऩा, सामाजिक सद्भाव को बिगाडऩा और विकास को रोक देना है। सच तो यह है कि भाजपा की दृष्टि ही नकारात्मक है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार का जो श्वेत पत्र पेश किया है उनमें सिर्फ काले अक्षर हैं, सच्चाई पर सफेदी पोती गई है। पिछली सरकारों की कमियां दिखाकर अपनी निष्क्रियता पर पर्दा डालने का काम किया है।
वस्तुत: भाजपा सरकार कोई काम करना ही नहीं चाहती है। वह अपने वादे पर खरा नहीं उतर सकी है। प्रदेश के लिए कुछ करने का उनके पास अभी वक्त नहीं है। उनका मुख्य काम तो 2019 में केंद्र में वापसी का सपना पूरा करना है। भाजपा सरकार के डबल इंजन के बाद भी यूपी में वह स्टार्ट नहीं हो पाया है। चौधरी ने कहा है कि छह माह की अवधि में पूरी व्यवस्था पंगु हो गई है और विकास की दौड़ थम गई है।
राज्य में कानून-व्यवस्था का गंभीर संकट हैं। अपराधी खुले आम घूम रहे हैं। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजधानी लखनऊ में ही रोज हत्या, बलात्कार, अपहरण और लूट की घटनाएं हो रही हैं। बिजली संकट के चलते जहां सामान्य नागरिक परेशान हैं वहीं लघु-मध्यम उद्योग बंदी के कगार पर हैं। मुख्यमंत्री यह दावा करते नहीं थकते हैं कि प्रदेश में अपराधी या तो जेल में होंगे या फिर यहां से पलायन कर जाएंगे लेकिन, हकीकत में अपराधी यहीं हैं कहीं गए नहीं हैं। अवैध कब्जे रोकने में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह विफल हो रही है। महिलाएं और बच्चियां पूरी तरह असुरक्षित हैं।