समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपनी पत्नी डिंपल और बच्चों के साथ चांदनी रात में ताजमहल के दीदार किए। अखिलेश शरद पूर्णिमा के अवसर पर ताजमहल के दीदार करने पहुंचे थे। ताजमहल का दीदार करते समय अखिलेश के साथ सात लोग थे। अखिलेश की दोनों बेटियां और पत्नी डिंपल ने भी ताजमहल की खूबसूरती को निहारा। पूर्णिमा के दो दिन पहले और दो दिन बाद में ताजमहल रात में 8.30 से रात 12.30 बजे तक सैलानियों के लिए खोला जाता है, ताकि चादंनी रात में ताजमहल के दीदार किए जा सकें।
इसके लिए पहले से टिकट बुक करानी पड़ती हैं। चांदनी रात में ताजमहल देखने वालों की काफी संख्या रहती है। इसके लिए करीब 400 टिकटें होती हैं, जो कि इस बार सभी पहले ही बुक हो गई थीं। अखिलेश यादव ने भी इसके लिए पहले से ही टिकटें बुक करा रखी थीं। शरद पूर्णिमा के दिन जो सैनाली ताहमहल के दीदार करने के लिए अंदर नहीं जा सके, उन्होंने ताजमहल की खूबसूरती को मेहताब बाग से ही निहारा।
इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि निस्संदेह ताजमहल हम सभी के लिए वास्तुकला का एक अदभुत नमूना है। ताजमहल विरासत है और हमें हमारे इतिहास की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि जहां तक हम समाजवादियों का सवाल है, ‘मैं यही कह सकता हूं कि ताजमहल बड़ी संख्या में लोगों को नौकरियां एवं रोजगार देता है। कारोबार भी फलता फूलता है।’
बता दें, अखिलेश यादव को हालही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में 5 साल के लिए अध्यक्ष चुना गया था। सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा के तारघर मैदान में ही हुआ था। अधिवेशन के खत्म होने के बाद अखिलेश अपने परिवार के साथ ताजमहल का दीदार करने पहुंचे थे। गौरतलब है कि पहले अध्यक्ष पद का कार्यकाल तीन साल के लिए होता था, लेकिन अखिलेश यादव को पांच साल के लिए चुना गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही सपा की कमान पूरी तरह अखिलेश के हाथों में आ गई है। अखिलेश सपा संस्थापक और पिता की जगह एक जनवरी 2017 पार्टी अध्यक्ष बने थे।