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कांग्रेस सरकार में बना था अंबेडकर दीक्षाभूमि स्मारक

यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने संविधान के निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की स्मारक का अनावरण किया था। उन्होंने कहा नागपुर में जहां उन्होंने अपना बौद्ध धर्म ग्रहण करने के अवसर पर दीक्षा ली थी उस स्थल को भव्य स्मारक के रूप में बनाने का काम किसी ने किया तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इतिहास इस बात का गवाह है कि 1956 में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने नागपुर में दीक्षा ली थी और अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया था।

नागपुर में इस स्मारक का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने 18 दिसंबर, 2001 को किया था। तब तक मोदी को गुजरात के सीएम बने दो महीने ही हुए थे। मोदी ने इस प्रतिमा के निर्माण में भूमिका निभाई है इसे गुप्त रखा गया था। इसका खुलासा यूपी सीएम योगी आदित्य नाथ ने किया। 16 साल पहले इस प्रतिमा के उद्घाटन के समय मोदी की भूमिका का कोई जिक्र नहीं था। इसके उद्घाटन के मौके पर पी.सी अलेक्जेंडर, तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल भी मौजूद रहे थे। उस समय वहां कांग्रेस की सरकार थी। पीएम मोदी बाबा साहेब की 126 वीं जयंती पर 14 अप्रैल को दीक्षाभूमि गए थे और साथ ही कई और प्रॉजेक्टों का ऐलान किया था। अगर सीएम आदित्य नाथ भी यहां पहुंचे हैं तो जल्द ही जमीनी स्तर पर काम हो सकता है। वहीं पूर्व राष्ट्रपित के.आर. नारायणन का सीएम योगी आदित्य नाथ ने जिक्र तक नहीं किया। जबकि इसका उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति ने ही किया था।

यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ के इस बयान को डॉ. अंबेडकर जन सेवक समाज के जनरल सेक्रेटरी अशोक आर्य ने झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा झूठ है कि मोदी ने दीक्षाभूमि में स्मारक को बनवाया है। आर्य ने कहा कि अंबेडकर हिंदुत्व का विरोध करते थे और हिंदुत्व सीएम योगी की लाइफलाइन है। मैं योगी से डॉ. अंबेडकर के बारे में किसी भी तरह के सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकता। वहीं बीएचयू में हिस्ट्री के प्रोफेसर और दलित एक्टिविस्ट महेश प्रसाद अहिरवार ने कहा कि मोदी ने नागपुर में बाबा साहेब की स्मारक को बनवाया है यह कहना बहुत ही हास्यास्पद है।

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