उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इससे सरकार पर 36,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। अब योगी सरकार 16,580 करोड़ रुपये का लोन लेकर करदाताओं पर कर्ज और ब्याज का बोझ डालने जा रही है। योगी सरकार ने यह फैसला बड़े राजमार्ग, आवास और बिजली परियोजनाओं को चलाने के लिए किया है। योगी आदित्य नाथ सरकार ने अपने छह विभागों को अपनी प्रमुख योजनाओं को लोन के लिए अधिकृत किया है क्योंकि केंद्र ने लोन माफी के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की है। बीजेपी ने चुनाव के समय वादा किया था कि वह किसानों का लोन माफ करेगी। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में किसान लोन माफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक यूपी के अतिरिक्त वित्त सचिव अनूप चन्द्र पांडे ने 7 जून को कई विभागों के प्रमुखों को लोन के संबंध में एक पत्र दिया। लोन हुडको, नाबार्ड, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड जैसे विभिन्न सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों से लिया जाएगा।
राज्य सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का लोन ले सकती है। लखनऊ से बलिया का यह हाईवे देश के बड़े हाईवे में से एक होगा। इस प्रॉजेक्ट को हाल ही में यूपी कैबिनेट ने अप्रूव किया था। इसके साथ ही हाइवे के साथ वाराणसी और अयोध्या के लिए लिंक रोड़ को भी मंजूरी दी गई थी। उत्तर प्रदेश के पब्लिक वर्कस डिपार्टमेंट को राज्य में सड़कों की मरम्मत के लिए 2600 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए अधिकृत किया है। इस पैसे से राज्य की सभी सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे। वहीं 2500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन लेकर राज्य के राजमार्गों के निर्माण और सुधार का काम किया जाएगा।
वहीं 1,000 करोड़ रुपये का लोन लेकर सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार ने राज्य की सभी सड़कों को ठीक करने के लिए 15 जून की समयसीमा तय की थी। लेकिन काम अभी पिछड़ रहा है। उत्तर प्रदेश का शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभाग पीएम आवास योजना के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण इलाकों में घर बनाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का लोन ले सकता है। इस योजना के तहत उन लोगों को घर दिए जाएंगे जिनके पास अपने घर नहीं हैं। इस योजना के तहत 2018 तक राज्य में 10 लाख से ज्यादा घर बनाने का टारगेट रखा गया है।