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नसीमुद्दीन ने किया बड़ा खुलासा : बोला बताऊंगा मायावती किसकी हत्या करवाना चाहती थीं, जारी किया गया ऑडियो

बसपा  से न‌िकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन ने लखनऊ कैंट स्थ‌ित आवास पर आज शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में उन्होंने कहा, आज ये महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस जिस मकसद को लेकर बुलाई गई है, आप लोग भली-भांति परिचित थे। जो भी घटनाक्रम हुआ है उस पर मैं थोड़ा पीछे जाकर आप लोगों को पूरी जानकारी देना चाहता हूं और जो भी कार्रवाई अनर्गल आरोप लगाकर और तथ्यों को छिपाकर, झूठ का सहारा लेकर मेरे, मेरे बेटे और मेरे साथियों के ऊपर की गई है उसका खुलासा भी मैं बाद में करूंगा लेकिन पहले बताऊंगा कि शुरुआत कहां से हुई है।
नसीमुद्दीन ने कहा, चुनाव के बाद मायावती ने मुझे और मेरे बेटे को बुलाकर पूछा क‌ि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया? मैंने कहा, सपा कांग्रेस के गठबंधन के बाद वोट बंट गया तो बोलीं इससे पहले भी गठबंधन हुआ लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने मुझे उल्टा-सीधा कहना शुरू किया और कहा, मुसलमान गद्दार है। उन्होंने दाढ़ी वाले मुसलमानों को कहा, ये कुत्ते मेरे पास आते थे। मैंने बहनजी से कहा क‌ि मेरे मजहब का मामला है तो बोलीं मैं तुम्हारे खिलाफ एक्शन लूंगी। मैंने कहा क‌ि ऐसे मत बोलिए तो उन्होंने कहा क‌ि मुझसे सतीश और आनंद मौलाना को लेकर आए।

उन्होंने कहा, जब मैंने ज्यादा ऐतराज किया तो बैलेंस करने के लिए बोलीं तो कहने लगीं क‌ि बैकवर्ड और अपरकास्ट ने भी हमें धोखा दिया। मैंने कहा वोट देना तो उनकी मर्जी की बात है। फिर कहने लगीं कि शेड्यूल कास्ट में सोनकर, वाल्मीकि, कोरी ने वोट नहीं दिया फिर सबको भला बुरा कहने लगीं। मैंने विरोध किया तो कहने लगीं क‌ि तुमसे बाद में बात करूंगी। 19 तारीख को मेरा नाम लिए बगैर सबके सामने कहा क‌ि एक वरिष्ठ नेता ने कहा क‌ि ये हो गया वो हो गया।

नसीमुद्दीन ने कहा, मैंने विरोध किया तो कहने लगीं क‌ि तुमसे बाद में बात करूंगी। 19 तारीख को मेरा नाम लिए बगैर सबके सामने कहा क‌ि एक वरिष्ठ नेता ने कहा क‌ि ये हो गया वो हो गया। उन्होंने अपने भाषण में कांशीराम को भी नीचा दिखाने की कोशिश की। वह पैसे लेकर पंजाब चले गए और यूपी मुझे सौंप गए। मायावती ने कहा, कांशीराम वहां खाता नहीं खोल पाए पर मैंने सबको पीछे ढकेल दिया।

– मायावती ने मुझसे पूछा क‌ि मेरा भाषण कैसा लगा तो मैंने कहा क‌ि आपका कांशीराम के लिए ऐसा कहना लोगों को अच्छा नहीं लगा। इसके बाद बोलीं और बताओ।

-मैंने उनसे कहा क‌ि आप घोषणापत्र जारी नहीं करतीं, आप लोगों से मिलना पसंद नहीं करतीं, आप जिलास्तर के लोगों से मिलना शुरू करो।

-मैंने कहा आप विधानसभा नहीं जातीं। तो बोलीं क्या अपनी जान दे दूं। आपने मंच पर जाकर किसी के लिए वोट तक नहीं मांगा। मैंने जब ये कहा तो और नाराज हो गईं।

-हम आपकी सुरक्षा का खयाल रखते हैं। पर आपको नियम सबके लिए एक से बनाने चाह‌िए बाकी लोगों के घड़ी पेन भी रखवा लेतीं पर सतीश चंद्र मिश्रा के आते ही गेट खोल दिया जाता है। ये बातें भी उन्हें नागवार गुजरीं। इन्हीं सब बातों से नाराज चल रही थीं।

एक दिन उन्होंने मुझे अकेले बुलाया। मैं गया तो बोलीं पार्टी को पैसे की बहुत जरूरत है। मैंने कहा क‌ि पैसे की जरूरत तो हमेशा रहती है। तो बोलीं क‌ि आपको पैसे का इंतजाम करना है तो मैंने कहा क‌ि आप बताएं वही करूंगी। कहने लगीं क‌ि पार्टी को 50 करोड़ की जरूरत है। मैंन कहा इतना पैसा कहां से लाऊं तो कहने लगीं क‌ि अपनी प्रॉपर्टी बेच दो। मैंने कहा आपको कैश चाह‌िए पर मैं अपने प्रॉपर्टी बेच भी दूं तो भी चौथाई पैसा नहीं जुटेगा। बोलीं आगे बढ़ना है तो ऐसा करो।

-मायावती ने कहा, किसी से भी मांगो और पैसे की व्यवस्था करो। मैंने कई लोगों के सामने हाथ फैलाए। प्रॉपर्टी बेचने की कोसिश की। मैंने पार्टी के लोगों से कहा पर किसी को नहीं बताया क‌ि क्या करना है। मैंने अपने पुरखों की खेती-बाड़ी बेचने की कोशिश भी की। मैंने कुछ पैसा इकट्ठा करके उन्हें फोन किया और कहा क‌ि लेकर आऊं तो कहने लगीं क‌ि सारा लेकर आओ।

-मैंने कहा, 35 साल मुझे पार्टी में हो गए हैं मुझपर तरस खाइए। इसका प्रमाण भी मैं दे सकता है।

-मैंने उनसे कहा, आप बदायूं से चुनाव लड़ रही थीं आपने मुझे इलेक्शन एजेंट और चुनाव प्रभारी बनाया था। उस वक्त मोबाइल नहीं थे। मैंने पीसीओ से फोन पर बात की। उस वक्त मेरी आठ साल की बड़ी बेटी बीमार थी। पत्नी ने कहा चले आओ, मुझे लगता है क‌ि बचेगी नहीं। मैंने बहन जी से बात की। मैंने कहा क‌ि मेरी सिर्फ एक बेटी है सबसे बड़ी संतान है। बोलीं, तुम चले जाओगे तो मैं चुनाव हार जाऊंगी, तुम्हें नहीं जाना चाह‌िए। मैं नहीं गया, दूसरे दिन मेरी बेटी मर गई।  इसके बाद भी बहन जी ने मुझे छुट्टी नहीं कहा जो होना था हो गया। सारे केस आप मुझ पर लगवाती रहीं। मेरी कोई कुर्बानी नहीं याद है आपको? थोड़ी देर में आनंद भाई साहब और सतीश म‌िश्रा जी आ गए फ‌िर मैं बता नहीं सकता क्या सुलूक हुआ मेरे साथ। ये मुझे बार-बार फोन करती रहीं क‌ि क्या प्रोग्रेस है।

-फिर मुझे और काम सौंप दिए गए। मैं तभी समझ गया था क‌ि मुझे निकाला जाएगा। लेकिन जिस पार्टी को 34 साल मैंने खून पसीने से सींच कर यहां तक पहुंचाने का काम किया था। कांशीराम की कुर्बानी और बाबा साहब की प्रेरणा से चलने वाला मैं भी एक कार्यकर्ता हूं।

-जिस पार्टी के ल‌िए मैंने अपनी बच्ची को कुर्बान कर दिया तो उसे कैसे छोड़ता। मेरी पत्नी ने मुझसे दो महीने तक बात नहीं की थी। मैं जानता था क‌ि मैं निकाला जाऊंगा पर मैं पार्टी नहीं छोड़ सकता था।

-मैंने 2017 के चुनाव में कुछ लोगों से रुपए ले लिए जो व्यापारी या उद्योगपत‌ि थे क‌ि हमारी सरकार बनने वाली फिर मुझे कई विभाग मिलेंगे तो आप काम कराऊंगा। कुछ लोगों ने कह दिया और बिना पूछे कार्रवाई कर दी। वो कुछ लोग जिनका न पार्टी से कोई संबध था न है न रहेगा। किसी एक उद्योगपत‌ि का नाम बता दें जिससे मैंने पैसे लिए हों।

आपने मुझे हत्या के इल्जाम में सजा तो सुना दी लेकिन ये भी तो पता चले क‌ि मैंने हत्या किसकी की? इसके बाद आरोप लगाया क‌ि मुझे एमपी का कुछ एरिया दिया गया था और जो काम सौंपा गया था वो न करके पार्टी विरोधी गतिविधियों में लग गया। बता दें क‌ि वो पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या हैं।

मैं नहीं गया क्योंकि मायावती ने मुझे मना क‌िया था इसका अभी प्रमाण दूंगा। मेरी संपत्त‌ि को भी बेनामी बता दिया।  2003 में ताज कॉरिडोर के मामले में जब मेरी और मायावती की संपत्त‌ि की जांच हुई तो सीबीआई ने लिखा कि नसीमुद्दीन की संपत्त‌ि के खिलाफ कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई जिनका कोर्ट आज भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

-इसके बाद जब हमारी सरकार बनी तो मैं समझ नहीं पाया तब सुश्री मायावती, सतीश चंद्र मिश्र और स्वर्गीय हैं उनका नाम नहीं लूंगा, उन्होंने लोकायुक्त से जांच करवाई जो इसी साल पूरी हुई विजिलेंस को आय से कम संपत्त‌ि मिली।

-कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल हुई, ईडी में दाखिल हुई फिर विजिलेंस ने भी जांच खत्म की। अब कौन सी संपत्त‌ि है। और अब मायावती, सतीश चंद्र और आनंद की संपत्त‌ि खोल दूंगा तो तमाशा बन जाएगा। मेरे पास ऐसे सुबूत हैं क‌ि खोल दूंगा ‌तो पूरी दुनिया में भूचाल आ जाएगा।

-मायावती किसे मरवाना चाहती थीं सब प्रमाण से खोलूंगा लेकिन बाद में अभी सिर्फ खुद पर लगे आरोपों का जवाब दूंगा।

-मायावती को मुझसे ज्यादा आनंद कुमार भी नहीं जानते क्योंक‌ि वो दूर थे। मायावती के कई गिरोह हैं। एक अपराधियों का भी गिरोह है।

-ये गिरोह उनकी खिलाफत करने वालों को पिटवाने, गाड़ी जलवाने जैसे काम करता है। नेताओं के खिलाफ नारे लगाता है। मैं सबकी जन्म़कुंडली जानता हूं। मैं ये भी जानता हूं कि मैं जो भी बोल रहा हूं इसके बाद उस गिरोस से मेरा घर जलवा सकती हैं और मेरे घर परिवारवालों पर हमला करवा सकती हैं।

-जहां तक मेरा सवाल है, मैंने आर्मी का नमक खाया। मैंने कई बार लाशों को बरफ के पहाड़ में कंधों पर लादकर भी लाना पड़ा है। मैं इन अपराधियों से नहीं डरा हूं जो करवाना है करवा लें। अब बीएसपी से बाहर हूं गलत बात नहीं सुनूंगा।

-आजकल दलित परेशान हैं क्योंकि मायावती सतीश चंद्र से मिलकर बाबा साहब के सपने को चकनाचूर कर रही हूं। इसका खामियाजा अन्य समाजों के साथ दलित समाज को भोगना होगा।  ज्यादा दूर न जाएं, राज्यसभा में जो मायावती ने जो पर्चा भरा उसे पूरी दुनिया जानती है। इनकी संपत्त‌ि में 200 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो गई, ये घोषित है अघोषित का पता नहीं… कहां से आ गए इतने रुपए। बातें बहुत सी हैं, मेरे पास प्रमाण भी बहुत हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं।

नसीमुद्दीन ने मायावती का टेप भी सुनवाया। इस टेप में मायावती कह रही थीं जो तुमसे काम कहा है वो जरूरी है उसे करना है।

नसीमुद्दीन ने कई टेप सुनवाए जिसमें उन्होंने कहा क‌ि बात मान लोगे तो आगे बढ़ जाओगे।

नसीमुद्दीन ने कहा क‌ि आपको नाराज नहीं देखना चाहता। कहा क‌ि एक-एक प्रॉपर्टी बेच दूंगा। इस पर मायावती ने कहा क‌ि ये आपके लिए भी जरूरी है। एक टेप में मायावती ने कहा, ये जो चारों मंडल है, इनमें जिनको आपने किताबें दिलाई हैं उनसे कहो क‌ि अपना हिसाब क्लीयर कर दें। मायावती ने कहा क‌ि वो मुस्ल‌िम समाज के लोग हैं आप अपनी जिम्मेदारी को निभाओ और उन्हें बुलाओ। मायावती ने कहा ये लोग नए लोगों के साथ कोऑपरेट नहीं कर रहे हैं। मैं एक्शन लूंगी।

एक ऑडियो में नसीमुद्दीन मायावती से बोल देते हैं क‌ि मैं आपसे आनंद भइया से सतीश मिश्र से बहुत टॉर्चर हूं। इस पर मायावती ने फोन काट दिया।

उन्होंने कहा, मायावती के खिलाफ 150 सीडी हैं। नसीमुद्दीन के बाद विधान परिषद सदस्य बृजेश ने कहा, मायावती से कार्यकर्ता नहीं मिल सकते बल्क‌ि नोटों की गड्डी लेकर जाना आसान है।

पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं रह गया है, हम लोग पीड़ित हैं। मैं जीतकर आया हूं पार्टी विरोधी नहीं हूं पर चाहता हूं क‌ि पार्टी को खोखला करने वाले लोग पार्टी से जाएं। सतीश मिश्रा जैसे लोगों को पार्टी से बाहर जाना होगा तभी पार्टी का अस्तित्व बचेगा।

बृजेश ने आनंद कुमार की संपत्त‌ि पर उंगली उठाई साथ ही कहा क‌ि सतीश चंद्र जी को भी बताना होगा क‌ि लखनऊ में बने आलीशान महल के लिए पैसा कहां से आया। नसीमुद्दीन ने बताया क‌ि उनकी पत्नी, भाई, साले सहित हर जिले के कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कई लोगों के नाम भी गिनवाए।

स्वात‌ि स‌िंह के मामले में सवाल पर उन्होंने कहा क‌ि कोई अगर ये दिखा देगा क‌ि मैंने अपशब्द वाले नारे लगाए तो पॉक्सो तो क्या 302 भी लगेगा तो स्वीकार कर लूंगा।

जो मैं अपनी मां-बहन के ल‌िए नहीं सुन सकता वो किसी के ल‌िए नहीं कह सकता।

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