लखनऊ: कानपुर-लखनऊ के बीच ट्रेनों का लेट होना करीब-करीब हर रोज की बात है। इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी मात्र 73 किलोमीटर है लेकिन इसे तय करने में ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट हो रहीं हैं। यात्रियों की शिकायत उनकी सुनवाई नहीं होने की रहती है। आज कानपुर-लखनऊ के बीच यात्रा करने वालों से मिले इनपुट के मुताबिक केवल कानपुर से लखनऊ के मध्य ज्यादातर ट्रेनें घंटों देर से पहुंची। इसमें कोढ़ में खाज के हालात तब पैदा हुए जब कानपुर से वाराणसी जा रही वरुणा एक्सप्रेस का इंजन फेल हो गया।
यात्रियों से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ कानपुर से लखनऊ के बीच की मात्र 73 किमी दूरी में 64208 कानपुर से लखनऊ मेमू 3.20 घंटे, 11109 झांसी इंटरसिटी 1.30 घंटे, 14222 अनवरगंज फैजाबाद इंटरसिटी 1.20 घंटे, 64206 कानपुर से लखनऊ मेमो 1.20 घंटे,12173 उद्योगनगरी 1.03 घंटे विलंबित हो गई जबकि झांसी पैसेजर को रद कर दिया गया। यात्रियों ने बताया कि कई बार बिना किसी कारण ट्रेनें रोक दी गई। ट्रेनें लेट होने का कारण कुछ भी हो सकता है लेकिन यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि इसी तरह काफी देर से ठहरी एक ट्रेन की लेटलतीफी से परेशान एक यात्री ने मंडल रेल प्रबंधक सतीश कुमार को सीधे मैसेज भेज दिया तो उन्होंने उसे पांच-सात मिनट में ट्रेन चलाने का आश्वासन दिया और फिर ट्रेन चली। यात्री ने बताया अधिकारी ने बताया कि ट्रैक पर मरम्मत कार्य चलने के कारण कुछ विलंब हो रहा है। शीघ्र ही ट्रेनों का संचालन सुचारु होगा।
जैतीपुर में वरुणा का इंजन फेल
कानपुर-लखनऊ के बीच जैतीपुर रेलवे स्टेशन के पास वरुणा एक्सप्रेस का इंजन फेल होने से डाउन रेल यातायात दो घंटे के लिए ठप हो गया। पीछे की ट्रेनों को उन्नाव और अजगैन के मध्य रोक दिया गया था। लेटलतीफी पर यात्रियों ने हंगामा किया। कानपुर से वाराणसी जा रही वरुणा एक्सप्रेस उन्नाव रेलवे स्टेशन से शाम पांच बजे लखनऊ को रवाना हुई थी। ट्रेन के जैतीपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने से इंजन तेज आवाज के साथ बंद हो गया। ट्रेन रुकते ही स्टेशन स्टाफ पहुंचा। जहां पता चला कि इंजन खराब हो गया। स्टेशन के पास घटना होने से यात्री पूछताछ काउंटर पर पहुंचे। जहां रेलकर्मियों द्वारा सही जानकारी न देने से भड़क गए और हंगामा किया। स्टेशन मास्टर ने इसकी जानकारी उन्नाव स्टेशन स्टाफ को सूचना दी। आरपीएफ और जीआरपी ने जैतीपुर पहुंचकर हंगामा शांत कराया। शीघ्र नए इंजन भेजे जाने की बात पर यात्री शांत हुए।
अमृतसर-इंदौर एक्सप्रेस ने उड़ा परखच्चे
मेरठ के परतापुर फाटक पर इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस के सामने फलों का ठेला आ गया। चालक ने ठेले को देखते इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन इससे पहले ही ट्रेन की जोरदार टक्कर से ठेले के परखच्चे उड़ गए। गेटमैन मनोज के शोर मचाने के बाद एक युवक ठेला लेकर फाटक के नीचे से गुजरने लगा। जैसे ही उसका ठेला रेलवे लाइन के सामने पहुंचा तभी ट्रेन को सामने आते देखकर युवक ठेला ट्रैक पर छोड़कर भाग गया। लोको पायलट ने जब तक इमरजेंसी ब्रेक लगाए, तब तक ट्रेन ठेले से टकरा चुकी थी। इस दौरान ट्रेन पांच मिनट खड़ी रही। परतापुर स्टेशन अधीक्षक ओमप्रकाश का कहना है कि फाटक से ठेला नहीं गुजर रहा था, यह ओवरब्रिज के बराबर में बने अवैध रास्ते से गुजर रहा था। ट्रेन आने पर यह ठेले वाला भाग निकला।