बरेली के प्रेमनगर में रहने वाले कुछ हिंदू और मुसलमानों ने आपसी सहमति से मस्जिदों द्वारा दी जाने वाली सहरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। दरअसल, इलाके में कुल सात मस्जिद हैं। जिनमें रमजान के दौरान रात तीन बजे होने वाली सहरी की नमाज के वक्त लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है। उसके खिलाफ ही दोनों धर्म के लोग शिकायत लेकर प्रशासन के पास पहुंचे। शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए मस्जिदों के कर्ताधर्ताओं के बातचीत के लिए कहा गया है। मस्जिदों के निर्देश दिया गया है कि या तो वे लाउडस्पीकर को उतार लें या फिर उनकी आवाज बंद कर दें।
खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नाम का संगठन उन लोगों का साथ दे रहा है। यह संगठन समाजवादी पार्टी (सपा) का करीबी माना जाता है।
हालांकि, मुस्लिम लोगों के लिए यह इतना भी आसान नहीं रहा। लाउड स्पीकर के खिलाफ खड़े एक मुस्लिम ने बताया कि कुछ मुस्लिम लोगों ने उसे घेरकर मारा-पीटा भी था। उन लोगों ने कहा था कि लाउडस्पीकर के खिलाफ बोलकर वह नर्क में जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस के मुताबिक, रात दस से सुबह छह बजे के बीच लाउड स्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी और व्याख्या करते हुए कहा है कि आर्टिकल 21 के अनुसार शांति से सोना सबका मूलभूत अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी व्याख्या में यह भी कहा है कि किसी की नींद को खराब करना मानव अधिकार का उल्लंघन माना जाएगा।