featuredउत्तर प्रदेश

योगी सरकार द्वारा उप्र को राजमार्गों के शराब ठेके हटाने से 5,000 करोड़ का नुकसान

राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के आसपास तय दूरी के भीतर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हुआ है। प्रदेश के आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों और राजकीय राजमार्गों के किनारे शराब की सभी दुकानें बंद होने से 2016-17 में राज्य सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ये दुकानें बंद किए जाने के बाद 19 हजार करोड़ रुपए के राजस्व वसूली लक्ष्य के मुकाबले प्रदेश के आबकारी विभाग को 14,000 करोड़ रुपए ही मिले हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से राजमार्गों पर खुली 8,591 शराब की दुकानें प्रभावित हुई हैं। 2,000 दुकानों को अभी हटाया जाना है जबकि 3,000 शराब विक्रेताओं ने अपने लाइसेंस वापस कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एक आदेश पारित किया जिसमें पूरे देश में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के 500 मीटर और 220 मीटर (संबंधित आदेश के अनुरूप) के दायरे में मौजूद शराब की दुकानें बंद करने का आदेश दिया गया। न्यायालय ने गत 31 मार्च को अपने 15 दिसंबर, 2016 के आदेश को दोहराते हुए ऐसी दुकानों को एक अप्रैल तक बंद करने को कहा था।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय व राजकीय राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी तक कोई भी शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए। कम आबादी वाले नगरों, कस्बों और नगर निकायों के लिए यह दूरी 220 मीटर तय की गई। न्यायालय ने राज्य सरकारों को शराब बिक्री रोकने की उनकी संवैधानिक बाध्यता की याद दिलाते हुए उनसे कहा कि वे उन डेढ़ लाख लोगों के बारे में सोचें जो हर साल शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं में मारे जाते हैं। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सभी सड़क हादसों में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुए हादसों की तादाद सबसे ज्यादा है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं 2015 में सड़क हादसों में मारे गए लोगों में से 42 फीसद शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से मारे गए। यह आंकड़ा अपने आप में बहुत ज्यादा है।

आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने कहा कि उनका विभाग शराब की दुकानों में कैशलेस प्रणाली लागू करने जा रहा है। सभी दुकानदारों से कहा गया है कि वे अपने यहां कैशलेस भुगतान के लिए मशीनें लगाएं। उन्होंने कहा कि यह काम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ मुश्किल है। लेकिन वहां स्थापित दुकानों से कहा गया है कि वह नकदीरहित भुगतान के अन्य विकल्प अपनाएं। मंत्री ने कहा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अप्रैल 2018 से अपनी नई आबकारी नीति लागू करेगी। सरकार शराब के कारोबार में सांठगांठ के जाल को तोड़ने की योजना बना रही है।

Leave a Reply

Exit mobile version