featuredउत्तर प्रदेश

सीबाआइ जांच में फंस सकते हैं कई रसूखदार

बालू से तेल निकालने की कहावत तो आप ने सुनी होगी। उत्तर प्रदेश में बीते एक दशक के दरम्यान कुछ ऐसा ही हुआ। राज्य के ह्रदय से गुजरने वाली प्रत्येक नदी के दोनों किनारों पर हुए हजारों करोड़ रुपए के अवैध खनन ने नदियों और उनके किनारों पर रह रहे लोगों के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है। सरकारी कारिंदों की मिलीभगत से चल रहे हजारों करोड़ रुपए के इस खेल की जांच अब सीबीआई के जिम्मे है।

कई अफसर जद में
बीते पांच सालों में हजारों करोड़ रुपए के खनन के इस खेल में कई आईएएस अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2016 को खनन मामले की जांच सीबीआइ से कराने के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने एक बड़े अधिकारी से पूछताछ की है और एक से पूछताछ की तैयारी में है। जबकि आधा दर्जन से अधिक आइएएस ऐसे हैं जो सीबीआइ की जांच की जद में हैं।

खनन के 149 पट्टे
उत्तर प्रदेश में सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि वर्ष 2012 से अब तक प्रदेश के 75 जिलों में 149 खनन के पट्टे दिए गए। इन जिलों में कौशाम्बी, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, शामली, बलरामपुर, गोण्डा, जालौन, सहारनपुर में हुए अवैध खनन की जांच इस वक्त सीबीआइ कर रही है। फिलहाल योगी आदित्यनाथ सरकार ने खनन पर रोक लगा दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन खनन के पट्टे की समयावधि समाप्त हो चुकी है उनका नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। साथ ही नया पट्टा देने पर भी रोक लगा दी गई है।

नहीं रुका बालू निकालना
नई सरकार की सख्ती के बावजूद न ही खनन रुका है और न ही बालू की ओवरलोडिंग। ओकरा से भाजपा के विधायक संजीव कुमार गोंड ने अवैध खनन पर योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है, सूबे में बेधड़क छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश से अब भी बालू व मोरंग लदे ओवरलोड ट्रकों का आना थमा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अकेले मिर्जापुर क्षेत्र में ही रोज बिना परमिट के 60 से 80 ट्रक पास कराए जा रहे हैं।

दूसरे सूबों से पहुंच रही बालू
उत्तर प्रदेश में सिर्फ मिर्जापुर में ही बिना परमिट बालू व मोरंग लदे ट्रकें नहीं गुजर रहे हैं। इलाहाबाद, कौशाम्बी, आगरा समेत शायद ही प्रदेश का कोई जिला हो जहां इस वक्त मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से लाकर चोरी छिपे बालू न बेंची जा रही हो। लेकिन इसे रोक पाने में योगी सरकार को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है।खनन विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में रोज एक हजार से अधिक ट्रक बिना परमिट खनन का सामान पहुंचा रहे हैं। इसकी वजह से बालू और मोरंग के दाम आसमान छू रहे हें।  फिलहाल उत्तर प्रदेश में एक दशक से हो रहे खनन के कारण इलाहाबाद, कौशाम्बी, मिर्जापुर समेत कई जिलों के दर्जनों गांव या तो जलमग्न हो चुके हैं, या अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

Leave a Reply

Exit mobile version