उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता संभालते ही लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया था कि 15 जून तक हर हाल में सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त कर दिया जाए। 15 जून आने में सिर्फ कुछ घंटे बचे हैं। लेकिन अभी हालिया रिपोर्ट पर नजर डाला जाए तो सड़कें गड्ढ़ा मुक्त नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अलावा लोक निर्माण विभाग का भी मानना है कि सरकार इस मसले पर लक्ष्य हासिल करने से चूक सकती है। लोक निर्माण विभाग की माने तो सूबे की सभी 1 लाख 21 हजार 816 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का काम तय समयसीमा में संभव नहीं है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 15 जून तक जितना काम होना चाहिए था उसका अभी तक 50 प्रतिशत ही काम हो पाया है। 24 जून को योगी सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं और 100 दिनों के कामकाज का रिपोर्टकार्ड भी तैयार होने लगा है। सूत्रों की माने तो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और सरकार के कामकाज का ब्योरा देंगे।
एक रिपोर्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को 7 जून तक 85 हजार 942 किमी सड़क को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन 13 जून को जारी डाटा में डिपार्टमेंट का लक्ष्य घटाकर 85 हजार 160 किमी कर दिया गया। 12 जून तक 66039.14 किमी का लक्ष्य ही प्राप्त किया गया है। इस तरह पीडब्ल्यूडी ने 77.55 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया है।
बता दें कि यूपी सरकार ने जितनी सड़कें गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य पीडब्ल्यूडी को दिया था, असल में वो उसी के अधिकार में था। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के पास ये विभाग तो है लेकिन गड्ढा भरने के लिए बजट नहीं है। इस प्रस्ताव के लिए जो लागत आना है वो लगभग साढ़े चार हजार करोड़ की है और पीडब्ल्यूडी के पास सिर्फ बारह सौ पचास करोड़ रुपये ही है। हालांकि मौर्य भी खुद दूसरे विभागों के पैसों की कमी की बात कह चुके हैं।
एक इंटरव्यूह में उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि 80-85 प्रतिशत सड़कें गड्ढामुक्त हो चुकी हैं और बाकी का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने मीडिया के दावों का खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर कहा कि आप लोगों को जल्द ही इस मोर्चे पर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हमने सभी थानों को तुरंत शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है।