केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में उत्तर प्रदेश के बरेली और बिहार के बिहारशरीफ सहित नौ और शहरों को शामिल किया गया है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किए जाने वाले शहरों की लिस्ट के बारे में जानकारी दी. पुरी ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना की प्रक्रिया के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश के 9 शहरों को तवज्जों दी गई है.
100 शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी
गौर हो कि केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी. इस योजना के तहत अगले दो सालों में 40-40 शहरों का चयन रैंकिंग के आधार पर किया जाना है. स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए पहले ही 90 शहरों की लिस्ट आ चुकी है. चौथी लिस्ट आने के बाद स्मार्ट सिटी परियोजना के 100 शहरो में से 99 के नाम फाइनल हो गए हैं.
ये शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी
चौथी लिस्ट में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा तीन शहरों बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर को जगह मिली हैं. इसके अलावा तमिलनाडु में इरोड, दादर नगर हवेली में सिलवासा, लक्षद्वीप में कवारती, अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर और दमन दीव में दीव और बिहार के बिहारशरीफ को जगह मिली है. पुरी ने कहा कि एक जगह विधानसभा चुनाव होने के कराण आखिरी शहर का नाम घोषित नहीं किया गया है. प्रदेश में आचार सहिंता खत्म होते ही इस नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी.
मनकों में खरा उतरा यह शहर
पुरी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल होने के लिए जो मानक बनाए गए, उस पर सिलवाला पूरी तरह से खरा उतरा है. पुरी ने बताया कि चयनित शहरों ने अपने स्मार्ट सिटी प्रस्तावों में परियोजना के मानकों के मुताबिक 12824 करोड़ रुपये के विकासकार्यों की कार्ययोजपा पेश की है.
क्या-क्या हैं स्मार्ट सिटी के मकसद
शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना
स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराना
परिवहन व्यवस्था को बेहतरीन बनाना
शहरों की छवि खराब करती झुग्गी झोपड़ियों को हटाना
झुग्गी में रहने वाले लोगों को रहने के लिए घर या कोई अन्य वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराना
2022 तक सभी को आवास उपलबध कराना
96 हजार करोड़ में बनेंगी स्मार्ट सिटी
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत एक शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 96 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. जिसमें से 48 हजार करोड़ रुपये का निवेश केंद्र सरकार की ओर से किया जाएगा. जबकि आधा पैसा राज्य सरकार को देगी.