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यूपी के कई जिलों में नहीं रिलीज हो सकी भंसाली की फिल्म पद्मावत…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जिले-जिले फिल्म पद्मावत को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कुछ जगह तो फिल्म को प्रदर्शित भी नहीं होने दिया गया। कुछ स्थानों पर फिल्म और विरोध दोनों के प्रदर्शन नहीं हो सके।जिन स्थानों पर फिल्म दिखाई गई वहां देखने वालों की संख्या भी कम रही। हालांकि लखनऊ और गोरखपुर समेत कुछ जिलों में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फिल्म देखी और सराही गई। कई क्षत्रिय और राजपूत संगठनों ने फिल्म प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।

बाराबंकी में फिल्म रिलीज नहीं
बाराबंकी में फिल्म पदमावत के विरोध को देखते दर्पण टाकीज के प्रबंधतंत्र ने फिल्म नहीं रिलीज की। पदमावत के स्थान पर दूसरी फिल्म लगाया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, शिवसेना, हिंदू सेना के कार्यकर्ता सुबह ही दर्पण टाकीज में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। पुलिस की चौकसी दर्पण टाकीज के पास तेज रही। हालांकि यहां पर फिल्म के न लगने से प्रशासन ने राहत की सांस ली। फिल्म के प्रदर्शन को लेकर जिले में शुरु से ही विरोधाभाष जारी था। यही कारण रहा कि दर्पण टाकीज ने फिल्म का प्रदर्शन नहीं शुरू हो पाया।

लखीमपुर फिल्म पद्मावत नहीं लगी
लखीमपुर के इकलौते आनंद सिनेमा में फिल्म पद्मावत लगाने का कोई प्लान नहीं है। 9 फरवरी को फिल्म पद्मावत लगाई जाएगी। लखीमपुर में गुरुवार को कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ हालांकि पिछले तीन दिन से पदमावत का विरोध शहर मुख्यालय समेत जिले के कई इलाकों में पदमावत का पुरजोर विरोध हुआ था।

सीतापुर में मारपीट और तोड़फोड़
सीतापुर के एकमात्र एससीएम पीबीआर में गुरुवार को प्रदर्शित विवादित फिल्म पद्मावत को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया। विरोध करने वालों ने पीबीआर मालिक को पिटाई की और गाड़ी भी तोड़ दी। मामले की गंभीरता देखते हुए कई थानों की पुलिस व पीएसी पीबीआर पर लगा दी गई है। यहां दो शो में फिल्म का प्रदर्शन हुआ, लेकिन तीसरा शो रोक दिया गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि फिल्म का प्रदर्शन जारी रहेगा।

फर्रुखाबाद में फिल्म प्रदर्शन न विरोध
फर्रुखाबाद में फिल्म प्रदर्शन किया गया और न ही फिल्म का विरोध प्रदर्शन। गुरुवार को पूरे देश में संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म को रिलीज किया गया। फर्रुखाबाद में एक सिनेमाघर है। यहां इस फिल्म के प्रदर्शन की उम्मीद थी। इसके मद्देनजर दो दिन पहले अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने सिनेमाघर प्रबंधक को पत्र भेजकर फिल्म को न लगाने का अनुरोध किया था। सिनेमाघर प्रबंधक ने महासभा के लोगों को फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने को आश्वस्त किया था। उसके बाद गुरुवार को फिल्म का प्रदर्शन नहीं हुआ और शांति रही।

बहराइच में पद्मावत का प्रदर्शन नहीं
बहराइच में पद्मावत के विरोध में सर्वसमाज की ओर से प्रदर्शन किया गया। अस्पताल चौराहे से डीएम चौराहे तक पैदल मार्च निकला। डीएम चौराहे पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने फिल्म निदेशक संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका। मुख्यमंत्री से फिल्म प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। फिल्म के प्रदर्शन को लेकर यहां विरोध का स्वर बढ़ता जा रहा है। शहर में एक ही सिनेमाघर बचा है। इसमें भी पद्मावत फिल्म नहीं लगी है।

बलरामपुर में पुतला जलाकर प्रदर्शन
बलरामपुर में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर करणी सेना व हिंदू संगठन के लोगों ने वीर विनय चौराहा पर चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला फूंककर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन भी सौंपा। उतरौला स्थित मनमंदिर टॉकीज में फिल्म देखने के लिए लोग पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। करणी सेना के जिला संरक्षक कमलेश्वर सिंह ने कहाकि नगर के सिनेमा हाल के मालिक ने फिल्म न लगाने का निर्णय लिया है। उनके निर्णय का सभी स्वागत करते हैं लेकिन देश के कई सिनेमा घरों में पद्मावत फिल्म लगाई जा रही है। जो गलत है। मनमंदिर टाकीज में फिल्म देखने बहुत कम दर्शक पहुंचे। फिल्म के दौरान हिंसा रोकने के पुख्ता इंतजाम थे।

आगरा में प्रदर्शन का कड़ा विरोध
राजस्थान की सीमा से सटे होने के कारण आगरा और अन्य निकटवर्ती स्थानों में विरोध की संभावना के कारण पुलिस के आला अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए रहे। आगरा में टीडीआई के कार्निवाल में पदमावत का शो नही चला। फिल्म को लेकर यहां भारी विरोध है। यहां राजस्थान के निकट होने के कारण करणी सेना का खासा प्रभाव है। साथ ही स्थानीय क्षत्रिय और राजपूत संगठनों फिल्म प्रदर्न रोकने का निर्णय लिया है।

रिलीज न रोकने पर आंदोलन की चेतावनी
हरदोई में अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने फिल्म पद्मावत पर वैन लगाने की मांग उठाई है। प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा कि इस फिल्म में जो परोसा गया है वह बेहद आपत्तिजनक है। क्षत्रिय ही नहीं समस्त हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है और इतिहास के साथ छेड़छाड़ है। भारत समाज के सम्मान स्वाभिमान को चुनौती देकर लज्जित करने वाली फिल्म को बर्दाश्त करना मुश्किल है। अतः इस पर प्रतिबंध लगाया जाए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने पद्मावती के मान-सम्मान की गाथा के साथ फिल्म पद्मावत के विरोध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

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