उत्तर प्रदेशमऊ

भ्रष्ट लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल के आगे नतमस्तक मऊ जिला प्रशासन व शासन, कोटेदारों को बलि का बकरा बनाकर कार्ड व यूनिट में हो रहा लाखों का खेल।

Bow down Mau District Administration and Government in front of corrupt clerk Dheeraj Kumar Agrawal.

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उत्तर प्रदेश का मऊ जिला खाद्य माफियाओं व भ्रष्टाचारी अधिकारियों का एक मजबूत किला बन कर रह गया है। जिले में हो रहे खाद्यान्न घोटाले में लगातार शिकायतों का दौर चल रहा है व कई बार शासन द्वारा भी अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है लेकिन जिले मैं तैनात भ्रष्ट व दबंग लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल जैसे खाद्यान चोरों पर इन सब का कोई भी प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है। आपको बता दें कि जिले में कार्ड व यूनिट में खेल करके रोजाना लाखों के सरकारी अनाज की कालाबाज़ारी का गोरखधंधा खुले आम हो रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे द्वारा जाँच करने पर नगरपालिका में 01/04/2020 में कार्डों की संख्या 38,877 पायी जाती है जिसमे 1,81,756 यूनिट दर्ज मिलती है तथा लगभग एक महीने बाद ही 12/05/2020 को कार्ड संख्या बढ़ कर 40,926 व दर्ज यूनिट 1,94,644 हो जाती है, और इस तरह से एकाएक 1,749 कार्डों पर 12,888 यूनिटों का बढ़ना कोई संयोग न होकर भ्रष्टाचार का एक छोटा सा उदाहरण मात्र है।

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इसी तरह हमारे द्वारा सरकारी ग्राम बैंक मुगलपुरा की दुकान के पन्ने पलटने पर यह पाया गया कि इन दुकान में 105 कार्ड अंत्योदय हैं, जिसमे से 80- 85 कार्ड केवल 1,1 यूनिट के हैं जो कि भ्रष्ट लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल के रहम पर चलता है। आज के इस दौर में जहाँ एक तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं वहीं दूसरी तरफ मऊ जिले के जिलापूर्ति अधिकारी हिमांशु द्विवेदी व जिलाप्रशासन एक भ्रष्ट व दबंग लिपिक के हाथ की कठपुतली बन जिले में हो रहे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं व ज्यादा दबाव पड़ने पर जिले में कोटेदारों पर कार्यवाही कर खानापूर्ति कर देते हैं। एक बात तो यह तय है की जब तक जिले में धीरज कुमार अग्रवाल जैसे दबंग व भ्रष्टाचारियों का राज है तब तक जिलाप्रशासन से व जिलापूर्ति अधिकारी से गरीबों के हितों की रक्षा की उम्मीद करना एक बेईमानी ही है।

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